हंगरी के साहित्यकार लास्जलो को साहित्य का नोबेल

युगवार्ता    09-Oct-2025
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लास्ज़लो क्रास्नाहोर्काई


स्टॉकहोम, 9 अक्टूबर (हि.स.)। हंगरी के उपन्यासकार लास्ज़लो क्रास्नाहोर्काई को इस साल के साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया हैै। 71 वर्षीय लास्जलो को आतंक के बीच कला को पुनः स्थापित करने वाली उनकी आकर्षक और दूरदर्शी रचनाओं के लिए सम्मानित किया गया है। इस आशय की घोषणा स्टॉकहोम में गुरुवार काे स्वीडिश एकेडमी के सचिव मैट्स माल्म ने की। उन्होंने कहा कि लास्जलो की रचनाएं बहुत प्रभावशाली और दूरदर्शी हैं। वे दुनिया में आतंक और डर के बीच भी कला की ताकत को दिखाती हैं।लास्जलो को पुरस्कार स्वरूप 11 मिलियन स्वीडिश क्रोना (10.3 करोड़ रुपये), सोने का मेडल और प्रशस्ति पत्र मिलेगा। पुरस्कार 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में आयोजित समारोह में प्रदान किए जाएंगे।इससे पहले उन्हें 2015 में मैन बुकर इंटरनेशनल प्राइज और 2019 में नेशनल बुक अवॉर्ड फॉर ट्रांसलेटेड लिटरेचर मिल चुका है।लास्जलो हंगरी के सबसे प्रतिष्ठित समकालीन लेखकों में से एक हैं। उनकी किताबें अक्सर दर्शनात्मक होती हैं, जिनमें मानवता, अराजकता और आधुनिक समाज के संकटों का जिक्र होता है। लास्जलो की वर्ष 1985 में आई सतांटैंगो सबसे चर्चित पुस्तक है। वर्ष 1994 में इस पर सतांटैंगो नाम से ही 7 घंटे लंबी फिल्म भी बनाई गई थी। इसे अब तक की सर्वश्रेष्ठ आर्टहाउस फिल्मों में से एक माना जाता है।इसकी कहानी एक छोटे से गांव और वहां के लोगों की मुश्किल जिंदगी के इर्द-गिर्द घूमती है। इसमें अराजकता, धोखा और मानव स्वभाव की कमजोरियों को दिखाया गया है। यह किताब धोखे की कहानी है, जिसमें एक पुराने खंडहर फार्महाउस में कुछ गरीब लोग रहते हैं। वे सोचते हैं कि अब ज्यादा पैसा मिलने वाला है, लेकिन सब कुछ उल्टा हो जाता है।पुरस्काराें की जूरी के अध्यक्ष अंडर्स ओल्सन ने उनकी रचनाओं को वैश्विक संकटों में कला की शक्ति बताया। इस बीच साेशल मीडिया मंच एक्स पर प्रशंसकों ने उनके उद्धरण साझा किए।--------------

हिन्दुस्थान समाचार / नवनी करवाल

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