- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महाराष्ट्र के उद्यमियों से मध्य प्रदेश में निवेश का किया अनुरोध
भोपाल, 09 अक्टूबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में निवेश बढ़ाने के उद्देश्य से मुम्बई में गुरुवार को आयोजित इंटरएक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट ऑपर्च्युनिटीज इन पॉवर एंड रिन्यूएबल एनर्जी इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग एंड वाइट गुड्स इन मध्य प्रदेश कार्यक्रम में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में 19,900 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश एवं अन्य सभी सेक्टर्स में 54,400 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इस प्रकार सत्र में मध्य प्रदेश को कुल 74,300 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्राप्त हुए हैं। इसके माध्यम से लगभग 7000 से अधिक रोजगार सृजित होंने की संभावना है। यह जानकारी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सत्र को संबोधित करते हुए दी।
कार्यक्रम में सन फार्मा के अध्यक्ष दिलीप सांघवी, सीआईआई के अध्यक्ष नील सी. रहेजा, ईसीजीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी)सृष्टिराज अम्बष्ठा, हिंडाल्को के प्रबंध निदेशक सतीश पाई, हेत्तिच (Hettich) के प्रबंध निदेशक आंद्रे एकहोल्ट, प्रबंध निदेशक एवं मुख्य वित्तीय अधिकारी (एमडी एवं सीएफओ), आईपीसीए लैब अजीत कुमार जैन और एफआईईओ के उपाध्यक्ष रविकांत कपूर विशेष रूप से मौजूद थे।
प्रगति के क्षेत्र में महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश जोड़ीदार राज्य : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिए व्यवस्थाओं को सरल बनाया गया है। प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत इस वर्ष सम्पन्न ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, भोपाल के दौरान 18 नई नीतियां लागू की गईं। सरलीकृत की गई व्यवस्थाओं के कारण मध्य प्रदेश में तेज गति से निवेश आ रहा है। व्यापारियों को नई पॉलिसियों का लाभ दिया जा रहा है। बिजनेस और निवेश को लेकर निरंतर सीसीआई की बैठकें आयोजित की जाती हैं। प्रदेश में संभागीय स्तर पर इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित कर छोटे शहरों को इंडस्ट्री से जोड़ा गया है। उन्होंने महाराष्ट्र के उद्यमियों से मध्य प्रदेश में निवेश का अनुरोध करते हुए कहा कि प्रगति के क्षेत्र में महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जोड़ीदार राज्य हैं। अतीत के गौरवशाली पृष्ठ को देखें तो महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश का गहरा संबंध रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शिवाजी महाराज और प्रदेश के सिंधिया, होल्कर, पवार इतिहास के उस दौर में भारतीय समाज के लिए महत्वपूर्ण भूमिका में रहे। उज्जैन में बाबा महाकाल की ध्वजा जिस शान से लहराती है, उसके अतीत में शिवाजी महाराज का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के मध्य उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में संबंध अधिक सशक्त होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मुंबई में “इन्टरैक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट अर्पोच्यूमनिटीज इन मध्य प्रदेश” कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। भारत की आर्थिक राजधानी में उद्योग जगत के दिग्गजों के साथ हमारा यह संवाद सत्र अत्यंत सकारात्मक और परिणामोन्मुखी रही। महाराष्ट्र की औद्योगिक विशेषज्ञता और मध्यप्रदेश की ‘अनंत संभावनाएं’ मिलकर देश की प्रगति को नई गति देंगे। हमारा लक्ष्य महाराष्ट्र के निवेशकों को मध्य प्रदेश की विकास यात्रा में एक रणनीतिक भागीदार के रूप में जोड़ना है।
उन्होंने कहा कि आज के इस इंटरेक्टिव सत्र का मुख्य उद्देश्य था नर्मदापुरम जिले के मोहासा-बाबई में स्थित, भारत के पहले अत्याधुनिक 'मैन्युफैक्चरिंग ज़ोन फॉर पावर एंड रिन्यूएबल एनर्जी इक्विपमेंट' के बहुप्रतीक्षित फेज़ 2 में निवेश आकर्षित करना। इस ज़ोन में भूमि आवंटन के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि निकट, 12 अक्टूबर 2025, है, जिससे निवेशकों को इस अवसर का लाभ उठाने के लिए एक स्पष्ट दिशा मिली। यह हमारी दूसरी मुंबई यात्रा है। विगत वर्ष, निवेशकों से चर्चा के दौरान हमें प्रदेश की नीतियों और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को लेकर कुछ महत्वपूर्ण सुझाव मिले थे। मुझे यह बताते हुए गर्व है कि हमने उन सुझावों पर गंभीरता से काम किया है और अपनी नई औद्योगिक नीतियों में उन्हें शामिल किया है। हमने अपनी 'उद्योग और रोजगार वर्ष 2025' की प्रतिबद्धता और इस वर्ष लॉन्च की गई 18 नई, प्रगतिशील नीतियों को विस्तार से साझा किया। हमने न केवल जेनेरिक अवसर, बल्कि सेक्टर-स्पेसिफिक, रेडी-टू-इन्वेस्ट प्रोजेक्ट्स भी प्रस्तुत किए जिनमें नर्मदापुरम का पॉवर एंड रिन्यूएबल एनर्जी इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग ज़ोन, टेक्सटाइल पार्क, आईटी पार्क्स, फ़ूड पार्क्स एवं मेडिकल डिवाइस पार्क प्रमुख हैं।
संवाद कार्यक्रम में मुंबई और आसपास के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों से 400 से अधिक शीर्ष निवेशक, उद्योगपति और विभिन्न औद्योगिक संघों के प्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यक्रम में 2 राउंडटेबल मीटिंग का आयोजन किया गया। पहली डिप्लोमेट्स के साथ राउंड टेबल मीटिंग हुई, जिसमें विभिन्न देशों के राजनयिकों के साथ द्विपक्षीय व्यापार और विदेशी निवेश बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा हुई। दूसरी नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण निर्माताओं के साथ राउंड टेबल मीटिंग हुई, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा निर्माताओं को प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में स्थित 'मैन्युफैक्चरिंग ज़ोन फॉर पावर एंड रिन्यूएबल एनर्जी इक्विपमेंट' के फेज़ 2 में निवेश के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया गया। साथ ही पॉवर और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में प्रदेश की अन्य विशेषताओं और संभावनाओं पर भी चर्चा की गई।
वन–टू–वन मीटिंग
कार्यक्रम में 20 से अधिक प्रमुख उद्योगपतियों के साथ वन-टू–वन मीटिंग की गई। इन गहन चर्चाओं में, टेक्सटाइल, ऑटोमोबाईल, इलेक्ट्रानिक्स, नवकरणीय उर्जा एवं फार्मास्युीटिकल्स एवं कॉस्मेटिक्स जैसे प्रतिष्ठित समूहों ने विशेष रुचि दिखाई। उनकी निवेश योजनाओं को समझा और उन्हें प्रदेश में हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मुंबई, सपनों का शहर है जो अपनी ऊर्जा और उद्यमशीलता के लिए जाना जाता है। आज मध्य प्रदेश की विकास आकांक्षाओं का साक्षी बन रहा है। यह संवाद केवल व्यापार का नहीं, बल्कि महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के बीच एक नई, अटूट औद्योगिक साझेदारी की शुरुआत है। हमें मुंबई के निवेशकों से जो उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है, वह हमारी उम्मीदों से बढ़कर है। कई प्रमुख औद्योगिक घरानों ने मध्यप्रदेश में निवेश करने में गहरी रुचि दिखाई, जो हमारी नीतियों पर उनके विश्वास का प्रमाण है। मुझे यह कहते हुए गर्व है कि मध्य प्रदेश सभी पैमानों पर खरा उतर रहा है। मेरा सभी निवेशकों से आग्रह है कि मुंबई और महाराष्ट्र में अपने व्यापार को नई ऊंचाइयां देते रहें, साथ ही मध्य प्रदेश की अनंत संभावनाओं को अपनाकर अपनी सफलता का एक नया अध्याय लिखें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'विकसित भारत @2047' का विजन हमारा मार्गदर्शक है। उनके नेतृत्व में भारत आज आत्मविश्वास से भरा है, और हम इसी आत्मविश्वास के साथ निवेशकों को मध्य प्रदेश की विकास यात्रा में सहभागी बनने के लिए सादर आमंत्रित करते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर