सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रुबिकॉन रिसर्च का आईपीओ, कंपनी ने एंकर इनवेस्टर्स से जुटाए 619 करोड़ रुपये

युगवार्ता    09-Oct-2025
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सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रुबिकॉन रिसर्च का आईपीओ


नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (हि.स.)। फार्मास्यूटिकल फॉर्मुलेशन कंपनी रुबिकॉन रिसर्च का 1,377.50 करोड़ रुपये का आईपीओ आज सब्सक्रिप्शन के लिए लॉन्च कर दिया गया। इस आईपीओ में 13 अक्टूबर तक बोली लगाई जा सकती है। आईपीओ के तहत 500 करोड़ रुपये के 1 रुपये फेस वैल्यू वाले 1,03,09,278 नए शेयर जारी हो रहे हैं। इसके साथ ही कंपनी के प्रमोटर्स द्वारा 1,80,92,762 शेयरों को ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये भी बेचा जा रहा है। इस आईपीओ में बोली लगाने के लिए 461 रुपये से लेकर 485 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है। रुबिकॉन रिसर्च के इस आईपीओ में रिटेल इनवेस्टर्स कम से कम 30 शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं, जिसके लिए उन्हें 14,550 रुपये का निवेश करना होगा।

आईपीओ खुलने से एक दिन पहले बुधवार को रुबिकॉन रिसर्च ने एंकर इनवेस्टर्स से 619 करोड़ रुपये जुटाए। इन एंकर इनवेस्टर्स में गोल्डमैन सैक्स, एचडीएफसी म्यूचुअल फंड, फिडेलिटी फंड्स, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड, कोटक महिंद्रा म्यूचुअल फंड, अमांसा होल्डिंग्स और अरंडा इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम शामिल हैं।

इस आईपीओ में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए कुल 85,06,804 शेयर (एक्स एंकर) रिजर्व किए गए हैं। इसके अलावा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए 18.14 प्रतिशत हिस्सा और नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (एनआईआई) के लिए 27.21 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व है। इसी तरह 0.26 प्रतिशत हिस्सा कंपनी के इंप्लॉयीज के लिए रिजर्व किया गया है। इसके अलावा शेष सारे शेयर एंकर इनवेस्टर्स को अलॉट किए गए हैं। इस इश्यू के लिए एक्सिस कैपिटल लिमिटेड को बुक रनिंग लीड मैनेजर बनाया गया है। वहीं एमयूएफजी इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को रजिस्ट्रार बनाया गया है। इश्यू की क्लोजिंग के बाद 14 अक्टूबर को शेयरों का अलॉटमेंट किया जाएगा। कंपनी के शेयर 16 अक्टूबर को बीएसई और एनएसई पर लिस्ट हो सकते हैं।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 16.89 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। इसके अगले साल कंपनी फायदे में आ गई। वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी को 91.01 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ, जो 2024-25 में उछल कर 134.36 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की आय 49 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 1,296.22 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई। मौजूदा वित्त वर्ष में अप्रैल से जून की पहली तिमाही के दौरान कंपनी को 43.30 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हो चुका है, जबकि कंपनी को इस अवधि में 356.95 करोड़ रुपये की आय हुई है।

इस अवधि में कंपनी के कर्ज के बोझ की बात करें तो वित्त वर्ष 2022-23 के अंत में कंपनी पर 317.91 करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ था, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 396.41 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 में मामूली कमी के साथ 393.17 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें, तो ये वित्त वर्ष 2022-23 के 281.31 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 525.57 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह ईबीआईटीडीए (अर्निंग बिफोर इंट्रेस्ट, टैक्सेज, डिप्रेशिएशंस एंड एमॉर्टाइजेशन) 267.89 करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 43.97 करोड़ रुपये था।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक

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