गांधीनगर, 09 अक्टूबर (हि.स.)। वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस के अंतर्गत गुरुवार को मेहसाणा में ऊर्जा आत्मनिर्भरता पर आयोजित सेमिनार और अवॉर्ड समारोह में केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ऊर्जा क्षेत्र में जो परिवर्तन आए हैं, उससे देश में ऊर्जा क्रांति आ रही है। आज वाइब्रेंट गुजरात में ऊर्जा क्षेत्र में हुए समझौता ज्ञापनों (एमओयू) को देखकर अत्यधिक प्रसन्नता हुई। उन्होंने कहा कि एक समय था जब देश में अंधकार छाया रहता था, जबकि आज देश में 24 घंटे बिजली उपलब्ध है।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आगे कहा कि गुजरात देशभर में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी राज्य है। पीएम कुसुम और पीएम सूर्य घर जैसी रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र की योजनाओं के क्रियान्वयन के मामले में भी गुजरात सबसे आगे है। देश में उत्पन्न होने वाली कुल नवीकरणीय ऊर्जा में से एक तिहाई ऊर्जा-बिजली अकेला गुजरात उत्पन्न करता है।
देश ही नहीं, संभवतः दुनिया के पहले सोलर विलेज मोढेरा का उल्लेख करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब इस विश्वास के साथ सूर्य घर योजना की बात की थी कि हर घर बिजली पैदा करेगा, तब लोग इस बात का मजाक उड़ाते थे, लेकिन दूरदर्शी नेता वही होता है, जो अगले 20-25 वर्षों का भविष्य देख सकता है।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास हुआ है। भारत ने वर्ष 2030 तक 100 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा पैदा करने का लक्ष्य रखा है, जो समय से पहले ही हासिल हो सकता है। ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा अनिवार्य है।
सेमिनार में गुजरात के मुख्ममंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि 2003 में जब वाइब्रेंट गुजरात की शुरुआत हुई थी, तब 100-200 करोड़ रुपए के एमओयू हुए थे, जबकि आज पचास हजार करोड़ रुपए जैसी बड़ी धनराशि के एमओयू हो रहे हैं, जो गुजरात की अर्थव्यवस्था में आए बड़े परिवर्तन का दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान गुजरात में पंचामृत यानी जल शक्ति, ज्ञान शक्ति, ऊर्जा शक्ति, जन शक्ति और रक्षा शक्ति पर आधारित शासन का नया मॉडल विकसित किया था। आज गुजरात देश का ग्रीन एनर्जी हब बनने जा रहा है। गुजरात आज एनर्जी ट्रांसफॉर्मेशन में देश का नेतृत्व करने को तैयार है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि दुनिया जब ऊर्जा का विकल्प तलाश रही थी, तब प्रधानमंत्री ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सौर ऊर्जा पर जोर देकर उत्तर गुजरात के चारणका में एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट स्थापित किया था। देश में सौर ऊर्जा की नींव उत्तर गुजरात की भूमि में रखी गई थी। ऐसे प्रयासों के कारण ही संयुक्त राष्ट्र द्वारा श्री मोदी को नीतिगत नेतृत्व के लिए ‘चैंपियंस ऑफ द अर्थ 2018’ पुरस्कार से नवाजा गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात ने नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रीन हाइड्रोजन के लिए विशेष नीति बनाई है। वाइब्रेंट समिट में ग्रीन हाइड्रोजन नीति की घोषणा की गई थी। उन्होंने कहा कि गुजरात ग्रीन ग्रोथ के लिए प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री और महानुभावों ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की नीति से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेजों के संकलन वाली पुस्तकों का विमोचन किया। ऊर्जा आत्मनिर्भरता के गुजरात के प्रयासों की गाथा दर्शाने वाली फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया।
इस मौके पर ऊर्जा क्षेत्र के 22 एमओयू का आदान-प्रदान किया गया। ऊर्जा क्षेत्र में अहम योगदान देने वाले तथा क्लीन-ग्रीन एनर्जी क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले गणपतभाई पटेल सहित अन्य लोगों तथा संस्थानों और कंपनियों को सम्मानित कर उन्हें प्रोत्साहित किया गया।
सेमिनार में राज्य के ऊर्जा मंत्री कनुभाई देसाई, कैबिनेट मंत्री ऋषिकेश पटेल, मुख्य सचिव पंकज जोशी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एम.के. दास, स्थानीय सांसद और विधायकगण, ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत कंपनियों के अग्रणी और उद्योगपतियों सहित बड़ी संख्या में प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Abhishek Barad