“नेशनल रेड लिस्ट असेसमेंट विज़न 2025–2030” डॉक्यूमेंट भारत के जैव विविधता दस्तावेज़ीकरणः कीर्ती वर्धन सिंह

युगवार्ता    09-Oct-2025
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कीर्तिवर्झन सिंह


नई दिल्ली, 09 अक्टूबर (हि.स.)। भारत ने गुरुवार को अबू धाबी में प्रकृति संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय संघ (आईयूसीएन) वर्ल्ड कंज़र्वेशन कांग्रेस में राष्ट्रीय रेड लिस्ट रोडमैप लॉन्च किया। इस मौके पर

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ती वर्धन सिंह ने कहा कि भारत की 28 प्रतिशत वनस्पतियां और 30 प्रतिशत जीव-जंतु प्रजातियां स्थानिक हैं, जो इको डायवर्सिटी का प्रमाण हैं। अबू धाबी में आईयूसीएन

सम्मेलन के दौरान जारी भारत की राष्ट्रीय रेड लिस्ट मूल्यांकन वैज्ञानिक गुणवत्ता के मामले में एक नया मानक स्थापित करेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से यह पहल भारत की जैव विविधता को संरक्षित करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है, जो हमारे सतत विकास एवं जैव विविधता संरक्षण के संकल्प को दर्शाता है।

अबू धाबी में आयोजित आईयूसीएन वर्ल्ड कंज़र्वेशन कांग्रेस में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए अपने संबोधन में कीर्ति वर्धन सिंह ने आईयूसीएन सम्मेलन को प्रकृति की सुरक्षा और सतत भविष्य के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता का मंच बताया।

उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के 17 मेगाडायवर्स देशों में शामिल है। 36 वैश्विक जैव विविधता हॉटस्पॉट्स में से 4 भारत में है जिसमें हिमालय, वेस्टर्न घाट, इंडो-बर्मा, सुंडालैंड शामिल है। विश्व में भारत की भूमि केवल 2.4 प्रतिशत है, लेकिन इसमें वैश्विक फ्लोरा का 8 प्रतिशत और फौना (वन्यजीव)का 7.5 प्रतिशत पाया जाता है।

कानूनी संरक्षण

पर

उन्होंने बताया कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972, जिसे 2022 में संशोधित किया गया, अब सीआईटीएस में सूचीबद्ध प्रजातियों को भी संरक्षण देता है।

उन्होंने कहा कि भारत ने जैव विविधता के संरक्षण के लिए लंबे समय से मजबूत कानूनी ढांचे को बरकरार रखा है, जिनमें सबसे प्रमुख है वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972, जिसे हाल ही में 2022 में संशोधित किया गया है ताकि सीआईटीईएस परिशिष्टों के तहत सूचीबद्ध प्रजातियों को संरक्षण प्रदान किया जा सके।

राज्य मंत्री ने कहा, जैविक विविधता सम्मेलन (सीबीडी) और कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता ढांचे (केएम-जीबीएफ) के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए, भारत ने आईयूसीएन के वैश्विक मानकों के अनुरूप राष्ट्रीय रेड लिस्ट आकलन पहल शुरू की है। यह पहल एक राष्ट्रीय स्तर पर समन्वित रेड-लिस्टिंग प्रणाली स्थापित करेगी, जो सटीक आकलन, संरक्षण योजना और सूचित नीति विकास के लिए एक उपकरण होगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

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