
नई दिल्ली, 1 नवंबर (हि.स.)। लाल किले के ऐतिहासिक प्रांगण में शनिवार को आयोजित ‘मेरी दिल्ली, मेरा देश’ के भव्य समारोह में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने संयुक्त रूप से भागीदारी करते हुए ‘एक भारत, आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को साकार किया। यह कार्यक्रम 1 नवंबर को दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों जैसे केरल, हरियाणा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़ और लक्षद्वीप के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में मनाया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नागरिकों से आह्वान किया कि अब समय आ गया है जब दिल्ली के लोग एकजुट होकर शहर को विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दिल्ली की विशेषता उसकी विविधता और अपनापन है।
इस विशेष कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री आशीष सूद, कपिल मिश्रा, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, कलाकार, विद्यार्थी, स्वयंसेवक तथा हजारों दर्शक विशेषकर युवा उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकारों ने अपनी पारंपरिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से उत्सव को और भी भव्य और जीवंत बना दिया। पंजाब के ऊर्जावान भांगड़ा, केरल की मोहक मोहिनीयट्टम, और कर्नाटक के पारंपरिक यक्षगान ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मध्य प्रदेश के लोकगीतों और छत्तीसगढ़ के जननृत्यों ने भारत की मिट्टी की सोंधी खुशबू को मंच पर साकार किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ प्रोजेक्शन मैपिंग, लाइट एंड साउंड शो, फूड फेस्टिवल और गेम्स ज़ोन ने पूरे वातावरण को उत्साह, ऊर्जा और उल्लास से भर दिया। शाम का विशेष आकर्षण प्रसिद्ध गायक बी प्राक का लाइव कॉन्सर्ट रहा, जिसमें देशभक्ति और लोकधुनों की अनूठी संगति ने समूचे लाल किले को एकता, जोश और राष्ट्रीय गर्व की भावना से सराबोर कर दिया। विशेष विभाग यह रही कि विद्यार्थियों द्वारा तैयार किए गए व्यंजन और दिल्ली के प्रसिद्ध स्थानीय खाद्य पदार्थों के स्टॉल वाले मल्टी-क्यूज़ीन फूड कोर्ट ने लोगों का विशेष आकर्षण बना।
इस विशेष कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली का इतिहास संघर्ष, पुनर्निर्माण और आत्मबल का प्रतीक रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली ने अपने लंबे इतिहास में अनेक कठिनाइयों और हमलों का सामना किया, कई बार गिरी, लेकिन हर बार पहले से अधिक दृढ़ होकर उठ खड़ी हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाल किले की प्राचीन दीवारें दिल्ली के उत्थान, पतन और पुनर्जन्म तीनों की साक्षी रही हैं। मुख्यमंत्री ने नागरिकों से आह्वान किया कि अब समय आ गया है जब दिल्ली के लोग एकजुट होकर शहर को विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दिल्ली की विशेषता उसकी विविधता और अपनापन है। हम सब अलग-अलग राज्यों से आकर दिल्ली में बसे हैं। अपने-अपने मूल राज्य के प्रति सम्मान और प्रेम तो हमारे दिल में सदैव रहेगा, पर हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि दिल्ली भी हमारी है और यह देश भी हमारा है। इसी भावना से इस कार्यक्रम का नाम रखा गया है मेरी दिल्ली, मेरा देश।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली को अब अपनी पिछली तकलीफों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ना है, चाहे वह यमुना की सफाई हो, प्रदूषण पर नियंत्रण हो, हरियाली बढ़ाने का कार्य हो या गली-नालियों व सड़कों के निर्माण का काम, हर क्षेत्र में सुधार और प्रगति हमारी प्राथमिकता है। हमारा लक्ष्य है कि दिल्ली को देश की राजधानी के रूप में एक विकसित, स्वच्छ और सशक्त शहर बनाया जाए।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को नमन किया और कहा कि उनकी प्रेरणा से देश की एकता और अखंडता आज भी मजबूती से कायम है। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने यह संकल्प लिया है कि राजधानी में अब हर राज्य का राज्य दिवस और राज्य उत्सव पूरे हर्षोल्लास और भव्यता के साथ मनाया जाएगा। उन्होंने इस पहल के लिए दिल्ली के सांस्कृतिक मंत्री कपिल मिश्रा को विशेष रूप से बधाई दी और कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है। यहां जम्मू-कश्मीर से लेकर उत्तर-पूर्व तक, हर राज्य के त्यौहार, संस्कृति और परंपराएं पूरे जोश और प्रेम से मनाई जाएंगी। दिल्ली अब सचमुच ‘मिनी इंडिया’ की पहचान बनेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सत्ता संभालने के बाद से हर पर्व और अवसर को दिव्यता और भव्यता के साथ मनाने की परंपरा शुरू की है। उन्होंने कहा कि यह दिल्ली है, देश की राजधानी, जहां हर राज्य का उत्सव पूरे सम्मान और समानता के साथ मनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने नागरिकों से अपील की कि वे दिल्ली को स्वच्छ, हरित और सुंदर बनाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि हम सब एक बड़े परिवार के सदस्य हैं। हर व्यक्ति यदि रोज़ एक छोटा-सा काम देश के लिए करे, चाहे शहर को साफ रखने का संकल्प हो, हरियाली बढ़ाने की कोशिश हो, नियमों का पालन हो, या किसी जरूरतमंद की मदद करना, तो देश हर दिन 140 करोड़ कदम आगे बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उल्लेख करते हुए कहा कि मोदी जी कहते हैं कि यदि देश का हर नागरिक प्रतिदिन एक काम भी राष्ट्रहित में करे, तो भारत निरंतर आगे बढ़ेगा। यही भावना हमें अपनानी है। मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों को राष्ट्रीय एकता दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा कि दिल्ली अब एक नए अध्याय की ओर बढ़ रही है। इस परिवर्तन यात्रा में हम सबकी भागीदारी ही इसका सबसे बड़ा बल है।
आशीष सूद ने कहा कि 1947 में जब पंजाब से आए लाखों परिवार टूटे मन से दिल्ली पहुंचे थे, तब लाल क़िले ने उनके आंसू भी देखे थे और सरदार पटेल की वह दृढ़ता भी, जिसने उन्हें यह भरोसा दिया कि ‘दिल्ली आपकी भी है।’ दिल्ली की रौनक, उसकी ऊर्जा और उसका उद्यम, सबमें उस पंजाबी संघर्ष की छाप है जिसे पटेल ने सुरक्षा और सम्मान दिया था।
सूद ने कहा कि दिल्ली ने तब भी आसरा दिया था और आज भी यही शहर हर संघर्ष को गले लगाकर ताक़त में बदल देता है। यही दिल्ली की आत्मा है- आसरा देने की, जोड़कर रखने की, और आगे बढ़ाने की और यही हमारी असली राष्ट्रीय पहचान है, जिसने भारत को एकता और साहस की राजधानी बनाया है।
कपिल मिश्रा ने कहा कि मेरी दिल्ली, मेरा देश केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक भाव है, अपने शहर और अपने देश के प्रति गर्व, जिम्मेदारी और समर्पण का प्रतीक। दिल्ली न सिर्फ भारत की राजधानी है, बल्कि यह भारत के हर कोने से आए लोगों का घर है। यहां की विविधता, संस्कृति और एकता ही हमारी असली ताकत है। हमारा संकल्प है कि दिल्ली को स्वच्छ, सुरक्षित, सांस्कृतिक और पर्यटन के क्षेत्र में विश्व की अग्रणी राजधानी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि “मेरी दिल्ली, मेरा देश” के माध्यम से हम हर नागरिक को इस अभियान से जोड़ना चाहते हैं ताकि हर दिल्लीवासी अपने शहर को संवारने, उसकी सुंदरता, संस्कृति और आत्मा को संरक्षित करने में भागीदार बने। जब हर दिल्लीवासी अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाएगा, तभी ‘मेरी दिल्ली’ सच में ‘मेरा देश’ बनेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव