
नई दिल्ली, 10 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि देश के शहरी सहकारी बैंक अब आकांक्षी युवाओं, छोटे व्यापारियों और निम्न वर्ग के लोगों के सशक्तीकरण के लिए अग्रणी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि नैफकब और अन्य शहरी सहकारी संगठन एक ‘नैतिक दिशानिर्देश जारी करें, जिसके आधार पर प्रत्येक बैंक अपने वित्तीय ढांचे को पुनः डिज़ाइन कर सके।
शाह यहां राष्ट्रीय शहरी सहकारी बैंक एवं ऋण समिति महासंघ (नैफकब) और सहकारिता मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘को-ऑप कुंभ 2025’ को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि शहरी सहकारी बैंक और ऋण समितियां हाल के वर्षों में नए उत्साह और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ी हैं। उन्होंने अमूल और इफ्को को अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन द्वारा विश्व रैंकिंग में क्रमशः प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर बधाई दी। शाह ने कहा कि यह दर्शाता है कि सहकारिता की अवधारणा आज भी उतनी ही प्रासंगिक और जीवंत है। अमूल ने देश में श्वेत क्रांति को गति दी है और आज प्रतिदिन तीन करोड़ लीटर दूध एकत्र कर रहा है। वहीं इफ्को ने हरित क्रांति में अहम योगदान देते हुए 93 लाख टन यूरिया और डीएपी का उत्पादन किया है, जिनके नैनो उत्पाद आज 40 से अधिक देशों में निर्यात किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज ‘सहकार डिजी-पे’ और ‘सहकार डिजी-लोन’ ऐप्स लॉन्च किए गए हैं, जो देश की सबसे छोटी सहकारी संस्थाओं को डिजिटल भुगतान व्यवस्था से जोड़ेंगे। शाह ने कहा, “भारत में डिजिटल पेमेंट का नया युग शुरू हो चुका है और अब सहकारी संस्थाओं को भी इससे जुड़कर आमजन तक वित्तीय सुविधा पहुंचानी होगी।”
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) के लिए मॉडल बायलॉज तैयार किए हैं, जिन्हें सभी राज्यों ने अपनाया है। इससे निष्क्रिय समितियों को पुनर्जीवित करने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को सहकारिता से जोड़ने के लिए त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है, जो सहकारी क्षेत्र के लिए प्रोफेशनल्स तैयार करेगा। शाह ने लक्ष्य रखा कि दो लाख से अधिक आबादी वाले प्रत्येक नगर में पांच वर्षों के भीतर एक अर्बन कोऑपरेटिव बैंक स्थापित किया जाए।
अमित शाह ने बताया कि अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों का एनपीए अनुपात दो वर्षों में 2.8 से घटकर केवल 0.6 प्रतिशत रह गया है, जो इस क्षेत्र की बड़ी उपलब्धि है।
कार्यक्रम में केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, कर्नाटक के मंत्री डॉ. एचके पाटिल, नैफकब अध्यक्ष लक्ष्मी दास, सहकारिता सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी और कई अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार