
- कार्तिक-अगहन मास की तीसरी सवारी में चंद्रमौलेश्वर स्वरूप मे दर्शन देंगे बाबा महाकाल
उज्जैन, 10 नवंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान श्री महाकालेश्वर के मंदिर में कृष्ण पक्ष माह मार्गशीर्ष की पंचमी/षष्ठी तिथि पर सोमवार तड़के चार बजे विशेष शृंगार के साथ भस्म आरती संपन्न हुई। इस अवसर पर भगवान महाकाल का दिव्य श्रृंगार किया गया। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने अपने ईष्ट देव के दर्शन किए। वहीं, शाम को उज्जैन में कार्तिक-अगहन मास में निकलने वाली सवारियों के क्रम में भगवान महाकाल की तीसरी सवारी धूमधाम से निकलेगी। चांदी की पालकी में सवार होकर अवंतिकानाथ नगर भ्रमण करेंगे और अपनी प्रजा का हाल जानेंगे।
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि मंदिर के पट खुलने के बाद पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी देवी-देवताओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया। इसके बाद दूध, दही, घी, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया। भस्म अर्पण से पहले प्रथम घंटाल बजाकर हरिओम का जल अर्पित किया गया और मंत्रोच्चार के बीच भगवान का ध्यान किया गया। कपूर आरती के बाद ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्म रमाई गई।
इसके बाद शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल, रुद्राक्ष की माला और पुष्पों की मालाएं अर्पित की गईं। आभूषणों से सुगंधित पुष्पों से भगवान का अलंकरण हुआ। भस्म आरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दर्शन कर पुण्य लाभ कमाया। लोगों ने नंदी महाराज का दर्शन कर उनके कान के समीप जाकर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगा। इस दौरान श्रद्धालु बाबा महाकाल की जयकारे भी लगाए, जिससे पूरा मंदिर बाबा के जयकारे से गुंजायमान हो उठा।
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि भगवान महाकाल की मार्गशीर्ष माह की पहली और कार्तिक-अगहन माह की तीसरी सवारी आज शाम 4 बजे नगर में धूमधाम से निकाली जाएगी। इस दौरान भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर स्वरूप में पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। सवारी से पूर्व मंदिर परिसर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया जाएगा। शाम चार बजे पूजन के बाद भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर रजत पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण के लिए प्रस्थान करेंगे।
मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवान भगवान को सलामी (गॉड ऑफ ऑनर) देंगे। सवारी में तोपची, कडाबीन, पुलिस बैंड, घुड़सवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान, श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति का बैंड, भजन मंडली के सदस्य, पंडे-पुजारी और प्रशासनिक अधिकारी शामिल होंगे। परंपरा अनुसार सवारी मंदिर से प्रारंभ होकर महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंचेगी। रामघाट पर मां शिप्रा के जल से भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर का अभिषेक किया जाएगा। अभिषेक के उपरांत सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार होते हुए पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर