
काठमांडू, 10 नवंबर (हि.स.)। नेपाल की संसद- प्रतिनिधि सभा के पुनर्स्थापना के मुद्दे पर नेपाली कांग्रेस के भीतर आंतरिक मतभेद उजागर हो गये हैं। पार्टी अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा निवर्तमान संसद की पुनर्बहाली के पक्ष में लामबंदी कर रहे हैं जबकि पार्टी के महासचिव गगन थापा के अगले वर्ष चुनाव कराने के पक्ष में आवाज़ मुखर कर रहे हैं।
पार्टी के अध्यक्ष शेरबहादुर देउबा के निर्देशन में, जो इस समय सिंगापुर में हैं, नेपाली कांग्रेस ने रविवार से सांसदों के हस्ताक्षर कराने की प्रक्रिया शुरू की। मुख्य सचेतक श्याम घिमिरे ने देउबा के आदेश पर इस हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की, ताकि 12 सितम्बर को सुशीला कार्की के नेतृत्व में गठित अंतरिम सरकार के बाद भंग की गई संसद को पुनर्स्थापित किया जा सके।
इस कदम के साथ, नेपाली कांग्रेस और नेकपा (एमाले) दोनों ही संसद पुनर्स्थापना के पक्ष में खड़ी हो गई हैं। हालांकि, नेपाली कांग्रेस के महासचिव गगन थापा ने इस कदम का सार्वजनिक रूप से विरोध किया है। उनका कहना है कि आगामी 5 मार्च को निर्धारित आम चुनाव नियत समय पर ही कराए जाने चाहिए।
थापा ने सोमवार सुबह सोशल मीडिया पर लिखा है कि 5 मार्च को होने वाला चुनाव ही नई संसद लाने और संवैधानिक मार्ग बहाल करने का एकमात्र माध्यम है। इस विषय में कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट रूप से यही रुख रखा था और पार्टी की केन्द्रीय कार्यसमिति पहले ही इस निर्णय का अनुमोदन कर चुकी है।
थापा ने स्पष्ट किया कि “वर्तमान भ्रम पार्टी महाधिवेशन से जुड़ा है, न कि आम चुनाव से।” उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी का महाधिवेशन राष्ट्रीय चुनाव से पहले पूरा होना चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास