
नई दिल्ली,12 नवंबर (हि.स.)। साहित्य अकादमी के इस वर्ष के प्रतिष्ठित बाल साहित्य पुरस्कार शुक्रवार (14 नवंबर) को शाम 5 बजे यहां के तानसेन मार्ग स्थित त्रिवेणी कला संगम में आयोजित एक समारोह में प्रदान किए जाएंगे। साहित्य अकादमी के सचिव पल्लवी प्रशांत होलकर ने बुधवार को बताया कि अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक पुरस्कार प्रदान करेंगे। पुरस्कार समारोह की मुख्य अतिथि गुजराती लेखिका वर्षा दास होंगी तथा साहित्य अकादमी की उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा समाहार वक्तव्य देंगी। पुरस्कृत बाल साहित्यकारों को पुरस्कार स्वरूप एक उत्कीर्ण ताम्रफलक और 50 हजार रुपये की सम्मान राशि प्रदान की जाती है।उन्होंने बताया कि अगले दिन यानी 15 नवंबर को सुबह 10 बजे पुरस्कृत बाल साहित्यकारों के साथ ‘लेखक सम्मिलन’ का आयोजन साहित्य अकादमी के फिरोजशाह स्थित मुख्यालय रवींद्र भवन में किया जाएगा। इसमें पुरस्कार विजेता अपने स्वीकृति वक्तव्य तथा रचनात्मक लेखन के अनुभवों को साझा करेंगे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्य अकादमी की उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा करेंगी।
बाल साहित्य पुरस्कार-2025 प्राप्त करने वाली पुस्तकें और उनके लेखक-
असमिया - मइनाहंतर पद्य (कविता): सुरेंद्र मोहन दास।
बांग्ला- एखनउ गाये काँटा देय (कहानी): त्रिदिब कुमार चट्टोपाध्याय।
बोडो -खान्थि बोसोन आरो आखु दानाय (कहानी): बिनय कुमार ब्रह्म।
डोगरी - नन्हींटोर (कविता): पी.एल.परिहार ”शौक़”।
अंग्रेज़ी- दक्षिण, साउथ इंडियन मिथ्स एंड फै़ब्लस रीटोल्ड (कहानी): नितिन कुशलप्पाएमपी।
गुजराती - टिंचाक (कविता): कीर्तिदा ब्रह्मभट्ट।
हिंदी - एक बटे बारह (संस्मरण): सुशील शुक्ल।
कन्नड - नोटबुक (कहानी): के. शिवलिंगप्पा हंदिहाल।
कश्मीरी - शुरे ते चुरे ग्युश (कहानी): इज़हार मुबशिर।
कोंकणी -बेलाबायचो शंकर आनी हेर काणयो (कहानी): नयना आडारकार।
मैथिली - चुक्का(कहानी): मुन्नी कामत।
मलयालम् - पेन्गिनुकळुडे वन्करायळ (उपन्यास): श्रीजित मुत्तेडत्तु।
मणिपुरी - अंगाङ्शिङ्गी शान्बुङ्सिदा (नाटक): शांतो एम।
मराठी-आभालमाया (कविता): सुरेश सावंत।
नेपाली - शान्ति वन (उपन्यास): साङ्मुलेप्चा।
ओडिया- केते फुल फुटिचि (कविता): राजकिशोर पाढ़ी।
पंजाबी- जादू पत्ता (उपन्यास): पाली खादिम (अमृत पाल सिंह)।
राजस्थानी- पंखेरुवं नी पीड़ा (नाटक): भोगीलाल पाटीदार।
संस्कृत - बालविश्वम् (कविता) : प्रीति पुजारा।
संथाली - सोना मीरु-वाक् सांदेश (कविता): हरलाल मुर्मु।
सिंधी - आसमानी परी (कविता): हीना अगनाणी ‘हीर’।
तमिऴ - ओट्राइचिरगु ओविया (उपन्यास): विष्णुपुरम सरवणन।
तेलुगु- कबुर्ला देवता(कहानी): गंगिशेट्टी शिवकुमार।
उर्दू - क़ौमी सितारे (लेख) : ग़ज़नफ़रइक़बाल।-----------
हिन्दुस्थान समाचार / श्रद्धा द्विवेदी