
नई दिल्ली, 13 नवंबर (हि.स)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जितिन प्रसाद शुक्रवार को यहां के भारत मंडपम में आयोजित होने वाले 44वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला ‘आईआईटीएफ-2025’ का उद्घाटन करेंगे।
भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) ने गुरुवार को एक बयान में बताया कि इस बार इस व्यापार मेले की थीम 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के साथ आयोजित किया गया है, जो देश की एकता और विविधता को दर्शाती है। आईटीपीओ के मुताबिक यह मेला 14 से 27 नवंबर तक चलेगा।
मेले का आयोजन भारत व्यापार संवर्धन संगठन द्वारा किया गया है। इसके आयोजन में इस साल के भागीदार राज्य उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और बिहार हैं। इस बार झारखंड 'फोकस स्टेट' है। इसके अलावा राज्य दिवस समारोह, सम्मेलन, कार्यशालाएं, सेमिनार और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतिदिन आयोजित किए जाएंगे।
आईटीपीओ के अनुसार भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला-2025 का स्थल, भारत मंडपम (प्रगति मैदान) का द्वार संख्या 3 और 4 (भैरों रोड) तथा द्वार संख्या 6 और 10 (मथुरा रोड) है। भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला की तिथि:- 14-27 नवंबर। व्यावसायिक दिनों के लिए आईआईटीएफ-2025 14-18 नवंबर तक है, जबकि सामान्य दिनों के लिए भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 19-27 नवंबर तक चलेगा, जिसका समय: सुबह 10:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक (आम जनता के लिए) है।
मेले के टिकट मूल्य और आवागमन
आईआईटीएफ-2025 में वयस्कों के लिए 500 रुपया (कार्य दिवस, 14-18 नवंबर), जबकि 80 रुपया (सार्वजनिक कार्यदिवस, 9-27 नवंबर, सप्ताहांत को छोड़कर), 150 रुपया (सार्वजनिक सप्ताहांत/छुट्टियों पर)। वहीं, बच्चों के लिए 200 रुपया (कार्यदिवस, 14-18 नवंबर), 40 रुपया (सार्वजनिक कार्यदिवस, 19-27 नवंबर, सप्ताहांत को छोड़कर) और 60 रुपये (सार्वजनिक सप्ताहांत/छुट्टियों पर) है। इसमें प्रवेश के लिए टिकट दिल्ली मेट्रो स्टेशनों और आईटीपीओ वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। यहां आने के लिए निकटतम मेट्रो स्टेशन: सुप्रीम कोर्ट (ब्लू लाइन) है।
आईटीपीओ के मुताबिक भारत मंडपम के द्वारों पर टिकट की बिक्री नहीं होगी। टिकट डीएमआरसी के 55 मेट्रो स्टेशन पर उपलब्ध है। मेले की टिकट दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के सारथी ऐप के माध्यम से ऑनलाइन भी खरीदे जा सकेंगे। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजन को निःशुल्क प्रवेश मिलेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर