

नई दिल्ली, 14 नवंबर (हि.स)। केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला में भारत मंडपम के हॉल संख्या-5 में खान मंत्रालय के पैवेलियन का उद्घाटन किया। समारोह की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, जिसके बाद राष्ट्रगीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में सामूहिक गायन हुआ।
इस कार्यक्रम में खान मंत्रालय के सचिव, वरिष्ठ अधिकारी, उद्योग प्रतिनिधि और आगंतुक उपस्थित थे। मंत्रालय के मुताबिक पैवेलियन में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (सीपीएसई)-नाल्को, एचसीएल, जीएसआई, एमईसीएल, जेएनएआरडीडीसी, एनआईआरएम - के साथ-साथ हिंडाल्को, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) जैसे साझेदार और एनएफटीडीसी जैसे संस्थान सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं। रेड्डी ने मंडप का अवलोकन किया और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के साथ बातचीत की। साथ ही उन्होंने वर्चुअल रियलिटी (वीआर) क्षेत्र का अवलोकन किया और मंत्रालय एवं उससे संबद्ध संगठनों द्वारा स्थापित प्रदर्शनों का अवलोकन किया।
उन्होंने देखा कि कैसे प्रत्येक संस्थान देश के खनिज पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करने के लिए नई तकनीकों, टिकाऊ खनन समाधानों और नवाचार-संचालित पद्धतियों का लाभ उठा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने मंडप का दौरा करने के बाद मंत्रालय के व्यापक प्रयासों की सराहना की और कहा कि यह मंडप खनन क्षेत्र के जिम्मेदार, प्रौद्योगिकी-सक्षम और सतत विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को प्रभावी ढंग से दर्शाता है। यह राष्ट्रीय विकास के लिए भारत के खनिज संसाधनों के कुशल उपयोग को सुनिश्चित करता है।
इस मंडप की मुख्य विशेषताएं राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन, सतत खनन पद्धतियों, उन्नत अन्वेषण तकनीकों और खनिजों एवं धातुओं के क्षेत्र में भारत के भविष्य को आकार देने वाले नवाचारों पर केंद्रित हैं। आगंतुक इमर्सिव वीआर-आधारित खनन सिमुलेशन, डिजिटल खनन तकनीकों और इंटरैक्टिव ज्ञान क्षेत्रों का अनुभव कर सकते हैं। खान मंत्रालय ने कहा कि छात्रों और युवा आगंतुकों के लिए मंडप में परस्पर संवादात्मक प्रश्नोत्तरी, शिक्षण मॉड्यूल और महत्वपूर्ण खनिजों, भूवैज्ञानिक अन्वेषण और स्थिरता-संचालित नवाचारों को समझाने वाले गतिशील प्रदर्शन किये जाएंगे। मंत्रालय ने मंडप का अवलोकन करने और आईआईटीएफ की इस समृद्ध यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर