महाराष्ट्र के बाद बिहार में 'कैश फॉर वोट' से एनडीए ने चुनाव जीता: अशोक गहलोत

युगवार्ता    14-Nov-2025
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पूर्व मुख्यमंत्री एवं बिहार में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ पर्यवेक्षक रहे अशोक गहलोत


जयपुर, 14 नवंबर (हि.स.)। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं बिहार में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ पर्यवेक्षक रहे अशोक गहलोत ने आरोप लगाते हुए कहा है कि बिहार चुनाव धनबल और सत्ता के दुरुपयोग से लोकतंत्र की लूट है। चुनावों में हार-जीत चलती रहती है परन्तु इस चुनाव को भाजपा-जेडीयू और चुनाव आयोग ने मिलकर हाईजैक कर लिया जिससे इंडी गठबंधन को हार का मुंह देखने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

गहलोत ने कहा कि बिहार में आचार संहिता लगने के बाद एक करोड़ से अधिक महिलाओं के खातों में दस-दस हजार रुपये डाले गए। यह एक तरीके से 'कैश फॉर वोट' यानी वोट खरीदी हुई और चुनाव आयोग मौन होकर देखता रहा। यह चुनावों में पैसे बांटकर वोट खरीदने के समान है जो गैरकानूनी है। यह वोट चोरी का ही एक नया संस्करण है।

राजस्थान के विधानसभा चुनावों का उदाहरण देते हुए गहलोत ने कहा कि राजस्थान में 2023 के विधानसभा चुनावों के दौरान महिलाओं को स्मार्टफोन देने वाली योजना पर रोक लगा दी गई थी जबकि ये योजना फरवरी, 2022 में आए राज्य बजट की घोषणा के अनुसार चलाई जा रही थी और करीब 30 प्रतिशत पात्र महिलाओं को स्मार्टफोन दिए जा चुके थे। इसके साथ ही पहले से चल रहीं सामाजिक सुरक्षा पेंशन, अन्नपूर्णा योजना तक को भी रोक दिया गया। इसके विपरीत बिहार में महिलाओं के खाते में चुनाव के दौरान भी 10,000 रुपये नई योजना के तहत डाले गए जो आचार संहिता से महज कुछ दिन पहले शुरू की गई थी। पहले महाराष्ट्र में भी चुनाव से पहले महिलाओं को 7500-7500 रुपये बांटे गए थे।

एसआईआर के माध्यम से चुनाव से पहले बिहार में काटे गए वोटों को लेकर गहलोत ने कहा कि बिहार चुनाव से ठीक पहले, सभी राजनीतिक दलों को विश्वास में लिए बिना, एसआईआर के माध्यम से लाखों मतदाताओं के नाम हटा दिए गए। वर्तमान में एसआईआर से संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, फिर भी 12 राज्यों में एसआईआर लागू किया जा रहा है। ऐसे कदमों के माध्यम से निर्वाचन आयोग भी एनडीए की जीत में एक सहभागी बन गया है।

गहलोत ने कहा कि महाराष्ट्र के बाद बिहार में ऐसा इकतरफा चुनाव परिणाम देशवासियों के लिए चिंता का विषय है। अब समय आ गया है कि देशवासियों को लोकतंत्र बचाने के लिए संकल्प लेना पड़ेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / संदीप

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