
पटना, 15 नवंबर (हि.स.)। बिहार विधानसभा चुनाव-2025 के परिणाम घोषित हो गए हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने प्रचंड बहुमत (202) प्राप्त किया है, लेकिन जातियों के गणीत में उलझे बिहार में आगड़ों, कोयरी-कुर्मी और वैश्य ने राजग की इस जीत में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।
बिहार विधानसभा -2025 में यादव-मुसलमानों का दबदबा घटा
बिहार की राजनीति में 2025 के चुनाव से पहले यादव और मुसलमान विधायकों का बोलबाला रहता था, लेकिन 2025 में यह समीकरण पूरी तरह ध्वस्त हो गया। 2020 और 2015 के मुकाबले जातीय प्रतिनिधित्व का यह बदलाव आने वाले राजनीतिक संकेतों को भी दर्शाता है। 243 सीटों वाले बिहार विधानसभा में साल 2020 में जहां 55 यादव विधायक थे, वहीं 2025 में उनकी यह संख्या घटकर सिर्फ 28 रह गई है। 2015 में यादव 61 सीटों पर जीतकर आए थे। लगातार तीन चुनावों की तुलना करें, तो यादवों का राजनीतिक ग्राफ नीचे आया है। यादवों को पारंपरिक रूप से राजद का मजबूत वोट बैंक माना जाता रहा है।
2025 का चुनाव कुर्मी, कुशवाहा और वैश्य समाज के लिए खास
साल 2020 के विधानसभा चुनाव में कुर्मी समाज से 10 विधायक थे, जो इस बार बढ़कर 25 हो गए। कुशवाहा समाज के 16 से बढ़कर 23 पर पहुंच गए ओर वैश्य समाज के विधायकों की संख्या 22 से बढ़कर 26 तक पहुंच गई है।
सामान्य वर्ग में राजपूत-भूमिहार का दमदार प्रदर्शन
बिहार विधानसभा चुनाव-2025 में इस बार सबसे मजबूत प्रदर्शन राजपूतों ने किया है। पिछले चुनाव में राजपूत समाज से 18 विधायक थे, जो इस बार बढ़कर 32 तक पहुंच गए हैं। भूमिहार समाज ने भी स्थिर प्रदर्शन रखा है। 2020 में 17 विधायकों वाले भूमिहार समाज से 2025 में 23 विधायक बने हैं। दोनों ही जातियों की सीटों में बढ़ोतरी से यह साफ है कि इस बार सामान्य वर्ग मतदाताओं ने बेहद एकजुट होकर वोट किया है।
ब्राह्मणों की संख्या में भी बढ़ोतरी
ब्राह्मणों की संख्या में भी 2020 की तुलना में बढ़ोतरी हुई है। 2020 में 12 विधायकों वाले इस समाज से 2025 में 14 विधायक जीते है। वहीं, कायस्थ की स्थिति कमजोर हुई है। 2020 में इस समाज से 3 विधायक थे, जबकि 2025 में सिर्फ 2 विधायक ही जीते हैं। यह दोनों वर्ग पहले की तुलना में सीमित राजनीतिक प्रभाव रखते दिख रहे हैं।
बिहार विधानसभा -2025 में किस जाति के कितने विधायक
राजपूत-32यादव-28कुर्मी-25कुशवाहा-23वैश्य-26भूमिहार-23ब्राह्मण-14कायस्थ-02पिछड़ा-13दलित-36मुस्लिम-11---------
हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी