
मानचुका (अरुणाचल प्रदेश), 15 नवंबर (हि.स.)। भारतीय सेना ने ‘एक्सरसाइज पूर्वी प्रचंड प्रहार’ के माध्यम से पूर्वी सेक्टर में उच्च ऊंचाई और कठिन भू-भाग में संयुक्त संचालन क्षमता का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। इस अभ्यास में सेना, वायुसेना, नौसेना और आईटीबीपी ने मिलकर समन्वित, बहु-आयामी अभियानों का सफल क्रियान्वयन किया।
सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र सिंह रावत ने बताया कि अभ्यास का मुख्य उद्देश्य युद्ध क्षेत्र में संयुक्त तैयारी, समन्वित मूवमेंट और तेज तैनाती की क्षमता को परखना था। स्पेशल फोर्सेज, मार्कोस, गरुड़, भैरव बटालियन और अरुणाचल स्काउट्स जैसे एलिट बलों ने ग्राउंड ऑपरेशनों को गति और सटीकता प्रदान कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रात्रि-सक्षम एफपीवी, स्वॉर्म ड्रोन और एडवांस्ड अनमैन्ड सिस्टम जैसे अत्याधुनिक साधनों ने रियल-टाइम निगरानी, लक्ष्य साधन और समन्वित फायर सपोर्ट उपलब्ध कराया। इन तकनीकों को अटैक हेलिकॉप्टर तथा संयुक्त ‘दिव्यास्त्र’ बैटरी के साथ जोड़कर युद्ध प्रभाव को और प्रबल बनाया गया।
अभ्यास ने बहु-डोमेन समन्वय, ट्राई-सर्विस इंटरोपरेबिलिटी और उभरते खतरों के प्रति तत्परता को रेखांकित किया, जो उत्तरी सीमाओं पर सतत भविष्य-तैयारी का संकेत है।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश