आंध्र प्रदेश के लॉजिस्टिक्स इको-सिस्टम को डिजिटल बनाने को एमओयू पर किए हस्ताक्षर

युगवार्ता    15-Nov-2025
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समझौता ज्ञापन पर किए गए हस्ताक्षर का जारी फोटो


नई दिल्‍ली, 15 नवंबर (हि.स)। नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनआईसीडीसी), लॉजिस्टिक्स डेटा सर्विसेज लिमिटेड (एनएलडीएसएल) और आंध्र प्रदेश सरकार ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस सहयोग का उद्देश्य यूनिफॉयड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूएलआईपी) का लाभ उठाकर आंध्र प्रदेश में लॉजिस्टिक्स परिदृश्य को डिजिटल बनाना है।

केंद्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में बताया कि शुक्रवार को विशाखापत्तनम में आयोजित 30वें सीआईआई भागीदारी शिखर सम्मेलन के अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की उपस्थिति में एनआईसीडीसी के सीईओ एवं एमडी तथा एनएलडीएसएल के अध्यक्ष रजत कुमार सैनी की उपस्थिति में इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस एमओयू पर औपचारिक रूप से इनकैप के वीसी एवं एमडी सीवी प्रवीण आदित्य और एनएलडीएसएल के सीईओ ताकायुकी कानो ने हस्ताक्षर किए।

मंत्रालय के मुताबिक इस पहल के तहत आंध्र प्रदेश में सरकारी और निजी हितधारकों को राज्य के लॉजिस्टिक्स प्रचालनों और प्रदर्शन संकेतकों की वास्तविक समय में जानकारी प्रदान करने के लिए एक मज़बूत एकीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म विकसित और कार्यान्वित किया जाएगा। इस प्लेटफ़ॉर्म का उद्देश्य समन्वय को बढ़ाना, दक्षता में सुधार करना और सभी क्षेत्रों में सूचित निर्णय लेने में सहायता करना है, जिससे हितधारकों को वास्तविक समय की जानकारी की निर्बाध सुविधा प्राप्त हो सके।

मंत्रालय के मुताबिक इनकैप के जरिए आंध्र प्रदेश सरकार एनएलडीएसएल के साथ मिलकर एक इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स डैशबोर्ड बनाएगी, ताकि राज्य के विभिन्न विभागों में लॉजिस्टिक्स से संबंधित प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों की निगरानी की जा सके। इस डैशबोर्ड से प्राप्त विश्लेषणात्मक जानकारी और कार्रवाई योग्य रिपोर्टों का उपयोग यूएलआईपी की क्षमताओं का लाभ उठाकर राज्य के लॉजिस्टिक्स इको-सिस्टम को सुदृढ़ और उन्नत बनाने के लिए किया जाएगा।

मंत्रालय के मुताबिक यह समझौता ज्ञापन उन्नत प्रौद्योगिकी समाधानों को लॉजिस्टिक्स विकास के साथ एकीकृत करने में एक बड़ी उपलब्धि है और कुशल, आधुनिक तथा लचीली आपूर्ति-शृंखला अवसंरचना में वैश्विक रूप से एक अग्रणी देश के रूप में भारत की स्थिति को सुदृढ़ करने में योगदान देता है। यह साझेदारी राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के अनुरूप विश्वस्तरीय लॉजिस्टिक्स अवसंरचना के निर्माण की दिशा में उल्लेखनीय कदम है।

यूलिप एक डिजिटल गेटवे है, जो उद्योग के हितधारकों को एपीआई-आधारित एकीकरण के माध्यम से विभिन्न सरकारी प्रणालियों से लॉजिस्टिक्स-संबंधी डेटासेट तक पहुंचने में सक्षम बनाता है। यूलिप ने 136 एपीआई के माध्यम से 11 मंत्रालयों की 44 प्रणालियों के साथ एकीकरण किया है, जो 2,000 से अधिक डेटा क्षेत्रों को कवर करता है। यूलिप का उपयोग करने वाली कंपनियों द्वारा 210 से अधिक एप्लिकेशन विकसित किए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप 200 करोड़ से अधिक एपीआई लेन-देन हुए हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

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