मप्र सुशासन संवाद 2.0 में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रखा मप्र विकास का विजन

युगवार्ता    16-Nov-2025
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मुख्यमंत्री डॉ. यादव को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार, भोपाल में आयोजित मध्यप्रदेश सुशासन संवाद 2.0 कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार, भोपाल में आयोजित मध्यप्रदेश सुशासन संवाद 2.0 कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कुशाभाऊ ठाकरे सभागार, भोपाल में आयोजित मध्यप्रदेश सुशासन संवाद 2.0 कार्यक्रम में संबोधित किया।


- बताया कैसे है आज का मप्र विकास, संस्कृति और संसाधनों के संतुलन का नया मॉडल

भोपाल, 16 नवंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पाञ्चजन्य द्वारा आयोजित ‘मध्य प्रदेश सुशासन संवाद 2.0’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेश की विकास अवधारणा, जल प्रबंधन और प्रशासनिक प्रतिबद्धता पर विस्तार से बात की। उन्होंने सबसे पहले राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच वर्षों से चले आ रहे जल विवाद का रविवार को उल्लेख करते हुए कहा कि “हमने राजस्थान और सूबे का जल विवाद खत्म किया। मध्य प्रदेश नदियों का मायका है, अगर राजस्थान को थोड़ा ज्यादा पानी भी दे दें तो कोई दिक्कत नहीं।”

उन्होंने बताया कि ‘नदी जोड़ो’ अभियान ने प्रदेश को जल प्रबंधन के क्षेत्र में मजबूत स्थिति दिलाई है और यह मॉडल भविष्य में अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरक बन सकता है।

सांस्कृतिक विरासत को नई ऊर्जा: गीता जयंती और गीता भवन

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को सुदृढ़ करने के लिए कई पहलें की जा रही हैं।उन्होंने जानकारी दी कि पूरे प्रदेश में गीता जयंती मनाई जा रही है और जल्द ही गीता भवन का निर्माण भी कराया जाएगा। उनका मानना है कि संस्कृति किसी भी राज्य के विकास की आत्मा होती है और सरकार का यह प्रयास भारतीय ज्ञान, परंपरा और मूल्यों को समाज के केंद्र में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

शिक्षा में भारतीयता का समावेश: ‘कुलपति’ की जगह ‘कुलगुरु’

शिक्षा क्षेत्र में किए गए बदलावों पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालयों में ‘कुलपति’ शब्द के स्थान पर ‘कुलगुरु’ शब्द का उपयोग सरकार ने लागू किया है। यह शब्द भारतीय ज्ञान परंपरा को प्रतिबिंबित करता है जहां शिक्षा केवल पाठ्यक्रम नहीं, बल्कि संस्कृति, मूल्य और आदर्शों का संचार भी मानी जाती है। सरकार का लक्ष्य शिक्षा व्यवस्था को अधिक कौशल आधारित, भारतीयतापूर्ण और मूल्य केंद्रित बनाना है।

महिला सशक्तिकरण: योजनाओं से मिला वास्तविक लाभ

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कहना है कि नारी सशक्तिकरण को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रखा गया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार महिलाओं को सुरक्षा, आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता प्रदान करने के लिए अनेक योजनाएँ चला रही है। चाहे कौशल प्रशिक्षण हो, रोजगार अवसर हों या आर्थिक सहायता, इन सभी का उद्देश्य महिलाओं को समाज में मजबूत बनाना है।

उन्होंने कहा कि इन पहलों का प्रभाव जमीन पर दिख रहा है और महिलाएँ अब विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।

रोजगार आधारित उद्योग नीति: रोजगार के साथ निवेश को बढ़ावा

मुख्यमंत्री यादव ने रोजगार आधारित औद्योगिक नीति का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार उद्योगों को सब्सिडी तभी देगी जब वे प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को नौकरी देंगे। यह नीति युवाओं के लिए रोजगार और उद्योगों के लिए निवेश दोनों को बढ़ावा देने वाला संतुलित मॉडल है। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता रोजगार सृजन है और इसी आधार पर उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

राजधानी भोपाल की नई सांस्कृतिक पहचान: ऐतिहासिक द्वार और पर्यटन विकास

भोपाल की पहचान पर बात करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि “कश्मीर की डल झील का आनंद लेना जरूरी थोड़ी है, भोपाल की झील का आनंद लीजिए।” उन्होंने कहा कि राजधानी की सुंदरता को देश की सांस्कृतिक पहचान से जोड़कर उभारने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। राजा भोज, विक्रमादित्य, भगवान राम और भगवान कृष्ण के नाम पर द्वार एवं मार्ग बनाने का उद्देश्य राजधानी के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को नए रूप में प्रस्तुत करना है।

कपास उद्योग के पुनरुद्धार का मॉडल: आदिवासी अंचल को मिली नई दिशा

इस दौरान प्रदेश के कपास उत्पादन पर भी मुख्‍यमंत्री यादव ने अपने विचार रखे, उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश के 13 जनजाति जिलों में कपास का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है, लेकिन कांग्रेस सरकारों की गलत नीतियों के कारण इसका लाभ प्रदेश को नहीं मिला। उन्होंने कहा कि “हमारा कपास तमिलनाडु जा रहा था, वहां कपड़े बन रहे थे, लेकिन हमारे यहां उसका कोई उपयोग नहीं था।” वर्तमान सरकार ने स्थानीय स्तर पर कपास के उपयोग को बढ़ावा दिया है, जिससे किसानों, स्थानीय उद्योगों और युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिले हैं।

उल्‍लेखनीय है कि समग्र रूप से, सुशासन संवाद 2.0 में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का संबोधन स्पष्ट करता है कि मध्य प्रदेश एक संतुलित विकास मॉडल की ओर अग्रसर है जहाँ जल प्रबंधन, संस्कृति, शिक्षा, रोजगार और औद्योगिक नीतियाँ एक साथ आगे बढ़ रही हैं।

संघ के 100 वर्ष: मुख्यमंत्री को विशेष अंक भेंट

कार्यक्रम के अंत में पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर प्रकाशित पाञ्चजन्य का विशेष अंक एवं स्‍मति चिन्‍ह स्‍वरूप शंख भेंट किया। इस दौरान मंच पर राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के मध्‍य क्षेत्र के सह-कार्यवाह हेमन्‍त मुक्तिबोध और मध्य भारत प्रांत के प्रांत संघचालक अशोक पाण्‍डेय विशेष रूप से मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी

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