स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय बाजार से जोड़ने के लिए करें सकारात्मक प्रयास : गिरिराज सिंह

युगवार्ता    16-Nov-2025
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बैठक में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह


स्थानीय शिल्प कलाओं का निरीक्षण करते हुए


अनूपपुर, 16 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि अमरकंटक एवं पुष्पराजगढ़ क्षेत्र में स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर का बाजार उपलब्ध कराने के लिए ठोस और सकारात्मक प्रयास किए जाएं। यहां की गोड़ी चित्रकला, लकड़ी से बनी काष्ठ शिल्प कलाओं और अन्य स्थानीय हस्तशिल्पों को और अधिक प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को निर्देशित किया कि वह आपसी समन्वय के साथ इस दिशा में कार्य करें, जिससे क्षेत्रीय कलाकारों और उत्पादकों को व्यापक मंच मिल सके।

केन्द्रीय मंत्री सिंह रविवार को मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के प्रवास के दौरान अमरकंटक में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि केंद्रीय सिल्क बोर्ड और आत्मा गवर्निंग बोर्ड के माध्यम से अमरकंटक में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एक प्रशिक्षण केंद्र (ट्रेनिंग सेंटर) स्थापित किया जाएगा, जिससे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर विकसित होंगे। उन्होंने कहा कि यह केंद्र भारत सरकार और राज्य सरकार के सहयोग से खोला जाएगा और इससे लगभग 2000 लोगों को रोजगार मिलेगा।

केंद्रीय मंत्री ने स्थानीय कलाकारों को नर्मदापुरम के रेशम केंद्र का निरीक्षण कर वहां संचालित गतिविधियों की जानकारी लेने के निर्देश भी दिए, ताकि अमरकंटक क्षेत्र में रेशम उद्योग, हैंडलूम और रेशम क्राफ्ट को स्थानीय स्तर पर और अधिक विकसित किया जा सके। उन्होंने कहा कि अमरकंटक क्षेत्र में हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट की बड़ी भूमिका है तथा यहां रोजगार की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि स्थानीय कलाकारों को रेशम उद्योग से जोड़कर उनके कौशल और आय में वृद्धि के लिए विशेष प्रोत्साहन दिया जाए।

स्थानीय शिल्प कलाओं का किया निरीक्षण, शिल्पकारों को तकनीकी उपलब्ध कराने के दिए निर्देश

केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने अमरकंटक में स्थानीय कलाकारों द्वारा तैयार की जा रही गोड़ी पेंटिंग एवं अन्य हस्तशिल्प कलाओं का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने शिल्पकारों से सप्ताह में किए जाने वाले कार्य घंटे, मासिक आय तथा उत्पादन प्रक्रिया के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कारीगरों से कहा कि पारंपरिक कलाओं को सुरक्षित रखते हुए उनमें तकनीकी नवाचार जोड़ने से गुणवत्ता में सुधार और बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाई जा सकती है।

केंद्रीय मंत्री ने लकड़ी के कला उत्पादों में उपयोग होने वाली विभिन्न लकड़ियों के बारे में भी जानकारी प्राप्त की और कारीगरों के कौशल की सराहना की। उन्होंने कहा कि कम्युनिटी सेंटर जैसे साझा कार्यस्थलों पर काम करने से उत्पादन लागत कम होती है और कलाकारों को बेहतर मुनाफा मिल सकता है। कारीगरों को मार्केट लिंक उपलब्ध कराने तथा उनके उत्पादों को बड़े बाजार तक पहुंचाने में हर संभव सहयोग देने का आश्वासन भी दिया। निरीक्षण के दौरान कारीगरों ने भी अपनी समस्याओं और आवश्यकताओं से केन्द्रीय मंत्री को अवगत कराया, जिनके निराकरण के लिए उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला

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