

- 10 लाख से ज्यादा जायरीन हुए शामिल
भोपाल, 17 नवम्बर (हि.स.)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के ईंटखेड़ी में आयोजित दुनिया के सबसे बड़े मजहबी आयोजन चार दिवसीय 78वें आलमी तब्लीगी इज्तिमा का सोमवार को दुआ-ए-खास के साथ समापन हुआ। इस मौके पर मौलाना साद साहब ने भावुक माहौल में खास दुआ करवाई और इंसानियत, मोहब्बत और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने की नसीहत दी। सभी ने देश-दुनिया की तरक्की और अमन की दुआ मांगी। खास बात यह है कि दुनिया के कई देशों से आए मुस्लिम धर्मावलंबियों ने सामूहिक दुआ की।
आयोजन स्थल से लेकर तीन किमी तक सड़क खेत और घरों में बैठे लोगों ने आमीन कहा। दुआ ए खास में शिरकत के लिए बड़ी तादाद में लोगों ने रात से ही इज्तिमागाह पहुंचना शुरू कर दिया था। कुछ लोगों ने अल सुबह इज्तिमागाह का रुख किया। सुबह से दुआ के लिए दौड़ ने शहर की अधिकांश सड़कों को वाहनों से भर दिया। हर शख्स इस मजमा ए खास में शामिल होने के लिए उतावला दिखाई दे रहा था। जिस समय मौलाना साद साहब दुआ कर रहे थे, सारा मजमा पिन ड्रॉप साइलेंट की मुद्रा में दिखाई दे रहा था। दूर दूर तक सिर्फ मौलाना ैकी आवाज गूंज रही थी और बीच बीच में लोगों की आमीन की आवाज़े इसमें शामिल हो रही थीं।
मौलाना साद ने उन्होंने दुआ में गुनाहों की माफी की गुजारिश की और कहा कि इंसानियत पर रहम बरसाया जाए। उन्होंने दुआ में मुसलमानों को हक पर कायम रहने की तौफीक देने की अरज, उम्मत के दिलों में रहमत और नरमी पैदा होने के लिए भी दुआ की। उन्होंने कहा कि हमें हजरत मोहम्मद साहब की सुन्नतों पर चलने वाला बना, हमारे सब्र को मंजूर फरमा। मौलाना ने कहा कि अल्लाह सबकी मुश्किलें आसान करे और रहमतें नाजिल फरमाए। उन्होंने दीनी मदरसों की हिफाजत, बीमारों की सेहतयाबी और उन लोगों के लिए भी दुआ की जिन पर नाहक मुकदमे दर्ज हुए हैं।
दुआ के बाद लोगों की रवानगी का सिलसिला शुरू हो गया। यहां से कुछ लोग अपने घरों को लौटे तो कुछ दीन सीखने के मकसद से चार माह और चालीस दिन की जमातों में निकले। गत 14 नवंबर से शुरू हुए इस चार दिवसीय मजहबी समागम में देश-दुनियाभर लोगों ने शिरकत की। इज्तिमा प्रबंधन के अनुसार इज्तिमा में इस बार 10 से 12 लाख जायरीन शामिल हुए। इज़्तिमागाह आने जाने वाले मार्ग पर हर तरफ टोपियां ही टोपियां दिखाई दे रही थीं। इज्तिमा स्थल ईटखेड़ी पहुंचने के रास्ते सीमित थे। बावजूद इसके न तो कहीं जाम लगा और न ही कहीं यातायात रुका। इन इंतजामों में लगे पुलिस, प्रशासन के अधिकारियों के साथ हजारों वॉलेन्टियर्स की कई दिनों की मेहनत के चलते ये आसान हो पाया।
इज्तिमा के समापन के बाद रास्तेभर वॉलेन्टियर्स ने यातायात इंतजाम संभाले रखा। गोलखेड़ी से होकर कई गांवों को लांघते हुए अचारपुरा बायपास तक आने वाले मार्ग की व्यवस्था हिन्दू भाइयों ने संभाल रखी थी। इनमें एक पूर्व सरपंच भी शामिल थे। आलमी तब्लीगी इज्तिमा के दौरान सहयोग करने वाले सभी लोगों और संस्थाओं का इज्तिमा इंतेजामिया कमेटी ने आभार जताया। जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम, पीएचई, विद्युत विभाग, रेलवे, स्वास्थ्य विभाग के सभी जमीनी कर्मचारियों व आला अधिकारियों का शुक्रिया अदा किया।
बड़ी भीड़ को देखते हुए पुलिस, होमगार्ड और ट्रैफिक अमले को प्रमुख मार्गों पर तैनात किया गया। रूट डायवर्जन, अतिरिक्त पार्किंग और पैदल मार्गों को व्यवस्थित किया गया। रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर अतिरिक्त टिकट काउंटर और सुरक्षा बल भी बढ़ाए गए हैं। इज्तिमा कमेटी ने इस बार जायरीन की सुविधा के लिए मैकेनिक और पंचर सेवा की व्यवस्था भी की है। वाहन खराब होने पर टीम मौके पर पहुंचकर तुरंत सहायता देगी। सेवा केवल इज्तिमा में आए जायरीन के लिए उपलब्ध है। पश्चिम मध्य रेलवे ने जायरीन की भीड़ को देखते हुए दो प्रमुख ट्रेनों भोपाल- बिलासपुर एक्सप्रेस (18235) औरभोपाल- जोधपुर एक्सप्रेस (14814) में 17 और 18 नवंबर को एक-एक अतिरिक्त सामान्य कोच जोड़ा है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर