
- उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक: आतंकवाद पर सख्ती, महिलाओं-बच्चों की सुरक्षा और सहकारिता आधारित विकास पर अमित शाह का जोर
फरीदाबाद, 17 नवंबर (हि.स.)। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की आतंकवाद-विरोधी नीति स्पष्ट और कठोर है। उन्होंने आश्वस्त किया कि दिल्ली बम विस्फोट के दोषियों को पाताल से भी ढूंढकर न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा और उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी।
हरियाणा के फरीदाबाद में सोमवार को आयोजित उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने दिल्ली कार बम विस्फोट और जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन धमाके के दोषियों को “पाताल से भी खोजकर सख्त सजा दिलाने” का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद को जड़ से समाप्त करना सभी राज्यों की साझा प्रतिबद्धता है। बैठक में महिलाओं-बच्चों की सुरक्षा, फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों की संख्या बढ़ाने, सहकारिता-आधारित विकास, जल प्रबंधन और क्षेत्रीय समन्वय से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई।
गृह मंत्री ने सूरजकुंड की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भूमि न केवल कला और संस्कृति का केंद्र है बल्कि भारतीय परंपराओं के संरक्षण की प्रेरणाशक्ति भी है। उन्होंने सिख गुरुओं, विशेषकर गुरु तेग बहादुर और गुरु गोबिंद सिंह के बलिदानों को स्मरण करते हुए कहा कि उनकी वीरता और मूल्यों ने भारतीय सभ्यता को अमिट दिशा प्रदान की है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण है कि सशक्त राज्य ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण करते हैं और इसे जमीन पर उतारने में क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। संवाद, सहयोग, समन्वय और ‘पॉलिसी सिनर्जी’ के माध्यम से कई जटिल अंतर-राज्यीय मुद्दों का समाधान इन परिषदों के जरिए संभव हुआ है।
महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए अमित शाह ने कहा कि पोस्को और बलात्कार के मामलों की त्वरित जांच और शीघ्र निपटान आवश्यक है। उन्होंने राज्यों से फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों की संख्या बढ़ाने और मामलों का समयबद्ध निपटारा सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
सहकारिता, कृषि, मछली पालन और पोल्ट्री जैसे क्षेत्रों को गरीबी उन्मूलन और रोजगार सृजन का बड़ा माध्यम बताते हुए गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के सहकार से समृद्धि के मंत्र से प्रेरित होकर सहकारी तंत्र को मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सहकारिता मंत्रालय ने देशभर में सहकारी संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए 57 बड़े कदम उठाए हैं, जिनमें पैक्स के कंप्यूटरीकरण, नई राष्ट्रीय सहकारी समितियों की स्थापना और त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी की स्थापना शामिल है।
अमित शाह ने कहा कि 2004–14 की तुलना में 2014–25 के बीच क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों में लगभग ढाई गुना वृद्धि हुई है। इस अवधि में कुल 64 बैठकें हुईं, जिनमें 1600 मुद्दों पर चर्चा हुई और 1303 (81.43 प्रतिशत) का समाधान निकाला गया। यह राज्यों, केन्द्र और अंतर-राज्य परिषद सचिवालय के सक्रिय सहयोग का परिणाम है।
गृह मंत्री ने जल प्रबंधन को लेकर उत्तर भारत के सभी राज्यों से सामूहिक प्रयास की अपील की। उन्होंने कहा कि गाद निकासी के कार्य को सभी राज्यों को प्राथमिकता देनी चाहिए ताकि जल संकट की समस्या का दीर्घकालीन समाधान हो सके।
उन्होंने मिलेट्स को बढ़ावा देने की दिशा में राजस्थान के योगदान की सराहना करते हुए सुझाव दिया कि राज्यों को गरीबों को वितरित किए जाने वाले 5 किलो अनाज में मिलेट्स को शामिल करने पर विचार करना चाहिए। इससे न केवल मिलेट्स का उत्पादन बढ़ेगा बल्कि नई पीढ़ी में पौष्टिक अनाज के प्रति रुचि भी बढ़ेगी।
बैठक में महिलाओं-बच्चों के खिलाफ अपराधों की त्वरित जांच, ईआरएसएस-112 प्रणाली, बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार, जल बंटवारा, पर्यावरण, उच्च शिक्षा, स्कूल ड्रॉपआउट दर में कमी और आयुष्मान भारत में सार्वजनिक अस्पतालों की भागीदारी सहित कई प्रमुख राष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
बैठक में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, चंडीगढ़ और लद्दाख के मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल, प्रशासक और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार