गुजरात के सूरत के हीरा कारोबारी के पुत्र जश महेता 23 नवंबर को लेंगे जैन संन्यास की दीक्षा

युगवार्ता    17-Nov-2025
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जश महेता की दीक्षा


वैभवपूर्ण जिंदगी छोड़ युवक ने चुना भक्ति का मार्ग

गुजरात, 17 नवंबर (हि.स.)। गुजरात के हीरानगरी सूरत के जाने-माने हीरा उद्योगपति जतीन महेता के 18 वर्षीय पुत्र जश महेता ने दुनिया के सारे भौतिक सुखों को त्यागकर संयम के कठिन मार्ग पर चलने का फैसला किया है। इस तरह से यहां वैराग्य और त्याग की एक अनोखी कहानी सामने आई है।

जश महेता की जैन संन्यास की दीक्षा का कार्यक्रम 23 नवंबर को सूरत के पाल क्षेत्र में भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा। वे भक्तियोगाचार्य आचार्य भगवंत यशोविजयसूरी महाराज साहेब की निश्रा में दीक्षा ग्रहण कर संयम मार्ग पर अग्रसर होंगे।

हीरों से प्रेम, महंगे आईफोन और क्रिकेट का शौकीन युवक

18 वर्षीय जश महेता का जीवन बचपन से ही हर तरह की सुविधा से भरपूर रहा। पिता हीरा उद्योग के बड़े कारोबारी होने के कारण जश के हर शौक पूरे किए जाते थे। उसे—महंगे ब्रांडेड चश्मे,लैंडेस्ट आईफोन और क्रिकेट खेलने का बेहद शौक था। लेकिन उसका सबसे बड़ा लगाव था असली डायमंड ज्वेलरी और लक्जरी डायमंड वॉच पहनने का। जश के पास सवा दो लाख की डायमंड वॉच थी और वह डायमंड–गोल्ड की चेन व अन्य दागिने भी पहनता था।

जो मेरे साथ नहीं आने वाला, उसका मोह क्यों? : जश महेता

अपने निर्णय पर जश ने कहा, “हाँ, मुझे लक्सरी वॉच और ज्वेलरी बहुत पसंद थी। लेकिन एक दिन मन में विचार आया—ये सब मेरे साथ कब तक रहेगा?

अंत में तो सब यहीं छोड़कर जाना है। जो चीज़ें हमेशा साथ नहीं आने वाली, उनके प्रति इतना मोह कैसा?” जश के इस विचार ने पूरे परिवार और समुदाय को आश्चर्य में डाल दिया है। एक ऐसे शहर से वैराग्य का मार्ग चुनना, जो पूरी दुनिया में हीरों की चमक के लिए जाना जाता है, अब लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।

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हिन्दुस्थान समाचार / यजुवेंद्र दुबे

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