अगले 10 वर्षों में मैकाले की थोपी गई गुलामी की मानसिकता से मुक्ति पानी होगी : प्रधानमंत्री

युगवार्ता    17-Nov-2025
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कार्यक्रम को संबोधित करते प्रधानमंत्री


नई दिल्ली, 17 नवंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को एक समाचार पत्र से जुड़े कार्यक्रम में देशवासियों से आह्वान किया कि हमें अगले 10 वर्षों में मैकाले की थोपी गई गुलामी की मानसिकता से मुक्ति पानी होगी। साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर मुस्लिम लीग–माओवादी संस्था बनने और अपने स्वार्थ में देशहित को तिलांजलि देने का आरोप लगाया।

प्रधानमंत्री मोदी ने आज इंडियन एक्सप्रेस के संस्थापक दिवंगत रामनाथ गोयनका स्मृति व्याख्यान में उक्त बातें कहीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 1835 में मैकाले ने भारत पर गुलामी की मानसिकता थोपने वाली शिक्षा पद्धति लागू की थी। 2035 में उसे 200 वर्ष हो जाएंगे। ऐसे में हमें संकल्प लेना चाहिए कि अगले 10 वर्षों में हम उस सोच से मुक्ति पाएंगे जिसने हमारे अंदर गुलामी की मानसिकता भर दी थी।

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कांग्रेस पार्टी पर स्वार्थ के चलते राष्ट्रहित को तिलांजलि देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आज संविधान को नहीं मानने वाले माओवादी–नक्सलवाद आतंक समाप्त हो रहा है। कांग्रेस पार्टी अपने कार्यकाल में इन माओवादियों को पलती-पोसती रही। यहां तक कि कांग्रेस पार्टी ने शहरों में भी नक्सलवाद को खाद-पानी दिया। बड़ी-बड़ी संस्थाओं में इन अर्बन नक्सलियों को स्थापित किया। अब यही शहरी माओवादी कांग्रेस को मुस्लिम लीग–माओवादी कांग्रेस बना चुके हैं।

प्रधानमंत्री ने 14 नवंबर को संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव का भी अपने भाषण में उल्लेख किया और सभी राज्य सरकारों को चेताया कि वे किस तरह से सरकार चलाते हैं, इससे आने वाले दिनों में उनके राजनीतिक दल का भविष्य तय होगा। उन्होंने कहा कि हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता विकास होनी चाहिए और निवेश आकर्षित करने के लिए राज्यों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव के नतीजों ने एक बार फिर लोकतंत्र को विजय दिलाई है और बताया है कि भारत के लोगों की आकांक्षा कितनी बड़ी है। नेक नीयत से उन आकांक्षाओं को पूरा करने वालों पर जनता भरोसा करती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश वास्तव में सामाजिक न्याय को यथार्थ में बदलते देख रहा है। आज देश की 94 करोड़ जनता सामाजिक सुरक्षा के दायरे में है, जबकि 10–15 साल पहले केवल 25 करोड़ ही सामाजिक सुरक्षा के दायरे में थे। तभी आज दुनिया कह रही है कि लोकतंत्र भी करके दिखा सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक उथल-पुथल के बीच भारत विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। भारत आज केवल एक उभरता बाजार नहीं, बल्कि एक उभरता मॉडल भी बन रहा है।

भारतीय जनता पार्टी और स्वयं उनके 24 घंटे चुनावी मोड में रहने को लेकर विशेषज्ञों की ओर से की गई टिप्पणियों का भी उन्होंने अपने भाषण में जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वह और उनकी पार्टी असल में हमेशा भावनात्मक मोड में रहते हैं। यह भावनात्मक मोड कहता है कि गरीब के जीवन से मुश्किलें कम करने के लिए एक भी मिनट गंवाना नहीं है। मध्यम वर्ग और गरीब की आकांक्षा को पूरा करने के लिए लगातार काम करते रहना है।

इस दौरान प्रधानमंत्री ने रामनाथ गोयनका को याद किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को एक मिशन के रूप में देश के लोगों के बीच स्थापित किया। वे भारतीय मूल्यों की आवाज बने। विचारधारा कोई भी हो, उन्होंने देश को प्राथमिकता दी, सत्य को सर्वोपरि रखा और कर्तव्य का साथ दिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा

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