मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने की पराली, यमुना सफाई और जल साझेदारी पर राज्यों से सामूहिक समाधान की अपील

युगवार्ता    17-Nov-2025
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फरीदाबाद में सोमवार को आयोजित उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक में हिस्सा लेती दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता


नई दिल्ली, 17 नवंबर (हि.स.)। फरीदाबाद में आयोजित उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज राष्ट्रीय राजधानी से जुड़े प्रमुख क्षेत्रीय मुद्दों पर विस्तार से अपने विचार प्रस्तुत किए और पड़ोसी राज्यों तथा केंद्र के साथ मिलकर साझा समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए रचनात्मक सहयोग का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली और पड़ोसी राज्यों की चुनौतियां साझा हैं और समन्वित प्रयासों से ही दीर्घकालिक समाधान संभव है।

मुख्यमंत्री ने सबसे पहले वायु प्रदूषण के मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर क्षेत्रीय गतिविधियों का बड़ा प्रभाव पड़ता है, विशेषकर पराली जलाने से उत्पन्न धुआं इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश ने पराली प्रबंधन में सकारात्मक प्रगति की है, परंतु पंजाब से आने वाले धुएं की मात्रा अब भी अधिक है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी पड़ोसी राज्य, विशेषकर पंजाब और हरियाणा, दिल्ली की स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने में और अधिक सहयोग करेंगे। उन्होंने दिल्ली की बसों के पूर्णतः इलेक्ट्रिक होने के अभियान की जानकारी देते हुए कहा कि एनसीआर शहरों को भी अंतरराज्यीय बसों, टैक्सियों और ऑटो को शीघ्रता से इलेक्ट्रिक मोड में परिवर्तित करने की दिशा में कदम तेज करने चाहिए, ताकि प्रदूषण में ठोस कमी लाई जा सके।

यमुना सफाई पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली और हरियाणा दोनों सरकारें यमुना की स्वच्छता को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठा रही हैं। उन्होंने हरियाणा सरकार और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के सहयोग की प्रशंसा करते हुए कहा कि यमुना में गिरने वाले सभी नालों को ट्रैप करना, आवश्यक स्थानों पर सीवर लाइन और डी-सिल्टिंग कार्य पूरा करना और आधुनिक एसटीपी के माध्यम से साफ पानी ही नदी में छोड़ा जाना आवश्यक है। उन्होंने बहादुरगढ़, झज्जर और गुरुग्राम से आने वाली प्रमुख ड्रेनों का उल्लेख करते हुए इनके प्रभावी प्रबंधन की आवश्यकता दोहराई।

पेयजल आपूर्ति के विषय में मुख्यमंत्री ने 1994 के जल–साझेदारी समझौते के जल्द नवीनीकरण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने दिल्ली की बढ़ती आवश्यकताओं को देखते हुए यमुना के पानी में दिल्ली के हिस्से को 980 एमजीडी से बढ़ाकर 1250 एमजीडी किए जाने का अनुरोध दोहराया। साथ ही रेनुकाजी, लखवार और किशाऊ डैम परियोजनाओं को फास्ट ट्रैक पर लाने की अपील की, ताकि दिल्ली को आवश्यक जल उपलब्ध हो सके तथा अन्य राज्यों को अपेक्षित विद्युत लाभ मिल सके। उन्होंने मुनक नहर और आईटीओ बैराज के रख-रखाव की ज़िम्मेदारी दिल्ली को सौंपे जाने तथा नहर से दिल्ली को मिलने वाले पानी का आकलन नहर के दिल्ली-प्रवेश बिंदु पर किए जाने का आग्रह भी रखा।

परिवहन और क्षेत्रीय संपर्क के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने बताया कि आरआरटीएस और अन्य क्षेत्रीय परियोजनाओं में दिल्ली का निवेश पिछले वर्षों से लंबित था, जिसे मौजूदा सरकार अब हल करने की प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा कि सभी लंबित हिस्सेदारियां देने की कार्रवाई शीघ्र पूरी की जाएगी। साथ ही भारी मालवाहक वाहनों को ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का अनिवार्य रूप से उपयोग करने के लिए विनियमित किए जाने की आवश्यकता दोहराई, ताकि भारी वाहनों के दिल्ली में प्रवेश से होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव

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