मदीना बस हादसाः अंतिम संस्कार के लिए परिजन रवाना, दूतावास ने खोला कैंप कार्यालय

युगवार्ता    18-Nov-2025
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दुबई, 18 नवंबर (हि.स.)। सउदी अरब में बस दुर्घटना के शिकार भारतीय हजयात्रियाें के परिजनाें की सहायता के लिए मदीना में एक कैंप कार्यालय स्थापित किया गया है। रियाद स्थित भारतीय महावाणिज्यिक दूतावास ने यह जानकारी दी है। इस बीच मृतकों के अंतिम क्रियाकर्म के लिए उनके परिजनों का एक 50 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल हैदराबाद से मदीना के लिए रवाना हो चुका है। उल्लेखनीय है कि उमराह के दौरान बस दुर्घटना में जान गंवाने वाले सभी तीर्थयात्रियों का अंतिम संस्कार मदीना में ही किया जाना है।

भारत से उमराह (इस्लामी तीर्थयात्रा) करने मक्का-मदीना की यात्रा पर गए भारतीय तीर्थ यात्रियाें से भरी एक बस से एक ईंधन टैंकर के टकरा जाने से रविवार-सोमवार की मध्य रात्रि 44 भारतीयों की जलकर मौत हो गई थी। इनमें से 42 तेलंगाना के निवासी थे।

हांलाकि मृतकों के शवों को भारत लाने या वहीं दफन करने को लेकर कुछ ऊहापोह था, पर सऊदी अरब के नियमानुसार उनका अंतिम संस्कार वहीं किया जाना तय किया गया। तेलंगाना की रेवंत रेड्डी सरकार ने इसकी मंजूरी दी और तय किया कि मृतकों के परिवार से एक या दो सदस्यों को मदीना भेजा जाएगा।

उल्लेखनीय है कि उमराह के दौरान मदीना से मक्का वापस जाते समय आराम के लिहाज से बस एक स्थान पर खड़ी थी, जिसे तेज गति से आ रहे एक टैंकर ने पीछे से टक्कर मार दी। घटना आधी रात की थी और अधिकांश यात्री गहरी नींद में थे, इसलिए किसी के लिए भी बच पाना मुश्किल था। फ्यूल टैंकर से टक्कर के चलते हादसे में टक्कर के साथ धमाका हुआ और तेल के चलते तेजी से आग फैल गई। इस सबके बीच जाको रखे साईंया वाली कहावत चरितार्थ करते हुए अब्दुल शोएब मोहम्मद की जान बच गई। वह बस ड्राइवर के पास वाली खिड़की से सटी सीट पर थे। वे उस खिड़की से कूदकर जान बचाने में कामयाब रहे। स्थानीय अधिकारियों ने पुष्टि की है कि दुर्घटना में जीवित बचे एकमात्र भारतीय काे चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। हांलाकि 54 सदस्यीय दल में कुछ और भी खुशकिस्मत रहे जो किन्हीं न किन्हीं कारणों से उस बस में सवार नहीं हुए थे।

इस बीच सोशल मीडिया पोस्ट में, महावाणिज्य दूतावास ने कहा कि हादसे में मारे गए भारतीयों के परिजनाें की सहायता के लिए मदीना में एक कैंप कार्यालय स्थापित किया गया है। यह कदम हादसे के बाद प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिसमें शवों की पहचान, परिवहन और अन्य औपचारिकताओं में मदद शामिल है। महावाणिज्य दूतावास ने पहले ही 24x7 कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया है, जहां परिजन सहायता के लिए संपर्क कर सकते हैं

इस बीच एक अलग पोस्ट में, मिशन ने बताया कि महावाणिज्य दूत फहद अहमद खान सूरी ने हादसे के जीवित बचे अब्दुल शोएब मोहम्मद से मुलाकात की, जो वर्तमान में मदीना के एक अस्पताल में उपचार करवा रहे हैं। उन्हाेंने माेहम्मद काे हर संभव सहायता दिए जाने का आश्वासन दिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / नवनी करवाल

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