
ओलंपियन मनु भाकर बोलीं- अस्मिता लीग्स बदल रही सोच, महिला सशक्तिकरण में निभा रही अहम भूमिका
नई दिल्ली, 18 नवंबर (हि.स.)। खेल और युवा मामलों के राज्य मंत्री रक्षा खड़से ने मंगलवार को राजधानी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान एशियन अंडर-20 महिलाओं की रग्बी टीम की पदक विजेता खिलाड़ियों को सम्मानित किया। इसी अवसर पर उन्होंने अस्मिता (ASMITA - Achieving Sports Milestone by Inspiring Women Through Action) लीग्स के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल्स की भी शुरुआत की। यह पहल खेलो इंडिया के जेंडर-न्यूट्रल मिशन का अहम हिस्सा है, जो महिलाओं को खेलों में अधिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से चलाई जा रही है।
अस्मिता के अब तक के प्रभावशाली परिणाम
2021 में शुरू हुई अस्मिता आज महिलाओं के लिए देश की सबसे बड़ी खेल लीग्स में शामिल हो चुकी है। अब तक 1886 अस्मिता लीग्स का आयोजन, 2.14 लाख महिला खिलाड़ियों की भागीदारी, 32 खेलों में प्रतियोगिताएं और 500+ जिलों और 600+ शहरों में आयोजन किए गए हैं। यह कार्यक्रम अरुणाचल प्रदेश के दूरदराज इलाकों, आदिवासी क्षेत्रों और सीमावर्ती गांवों तक भी पहुंच चुका है।
रक्षा खड़से ने कहा, “अब अस्मिता को अपनी अलग पहचान देने का वक्त आ गया है। सोशल मीडिया के माध्यम से हम और अधिक महिलाओं तक पहुंच सकते हैं और उन्हें खेल से जोड़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।”
एशियन रग्बी पदक विजेता भी अस्मिता से उभरीं
कार्यक्रम में उन्होंने छह खिलाड़ियों दुमुनी मारंडी, भूमिका शुक्ला, उज्ज्वला घुघे, गुरिया कुमारी, संध्या राय और अमनदीप कौर को सम्मानित किया। ये खिलाड़ी बिहार के राजगीर में इस वर्ष आयोजित एशियन अंडर-20 चैम्पियनशिप में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थीं। राष्ट्रीय टीम का बड़ा हिस्सा अस्मिता लीग्स से ही उभरकर आया है।
श्रीमती खड़से ने कहा, “हमारा लक्ष्य महिलाओं के लिए अधिक अवसर तैयार करना और उन्हें जमीनी स्तर से पहचान दिलाना है। सभी खेलों में ऐसी संरचना होनी चाहिए कि खिलाड़ी खेल को करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित हों। जैसे क्रिकेट में पुरुष और महिला खिलाड़ियों को समान वेतन मिला है, वैसे ही हमें अन्य खेलों में भी इस दिशा में काम करना होगा।”
ओलंपियन मनु भाकर ने अस्मिता की सराहना की
पेरिस ओलंपिक 2024 की दोहरी पदक विजेता और प्रसिद्ध निशानेबाज मनु भाकर कार्यक्रम में विशेष रूप से मौजूद रहीं। उन्होंने कहा, “महिला खिलाड़ी दिखा रही हैं कि वे क्या कर सकती हैं। पिछले दो ओलंपिक में महिलाओं का प्रदर्शन शानदार रहा है। यदि हमें 2036 ओलंपिक में भी बेहतरीन प्रदर्शन करना है, तो अस्मिता और खेलो इंडिया जैसे कार्यक्रम बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “ये लीग्स खासकर ग्रामीण भारत में सोच बदल रही हैं, जहां महिलाएं आमतौर पर खेलों में नहीं आतीं। हमें अपनी बेटियों का हौसला बढ़ाना चाहिए, क्योंकि वे भी पुरुषों की तरह हर स्तर पर श्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकती हैं।”
देशभर में महिला खिलाड़ियों के लिए खेल संस्कृति को मजबूत बनाने की दिशा में अस्मिता लीग्स तेजी से प्रभाव दिखा रही हैं, और इस लॉन्च के साथ इसके विस्तार का नया अध्याय शुरू हो गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय