सुरक्षा बलों ने नक्सल संगठन की ताबूत में ठोंकी आखिरी कील, कुख्यात शीर्ष नक्सली हिडमा का हुआ अंत

युगवार्ता    18-Nov-2025
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मुठभेड़ों में मारे गए कुख्यात नक्सली


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- माड़वी को संतोष उर्फ इंदमुल उर्फ उडियामी भीमा के नाम से भी जाता था, पत्नी मदगाम राजे भी मारी गई

रामानुज शर्मा

नई दिल्ली, 18 नवंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों के आतंक का पर्याय रहे एक करोड़ के इनामी माड़वी हिडमा का मंगलवार को सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश की सीमा पर खात्मा कर दिया। इसके अंत के साथ ही सुरक्षाबलों ने नक्सल संगठन के ताबूत में आखिरी कील ठाेंक दी है। इससे यह माना जा रहा है कि अब छत्तीसगढ़ राज्य में नक्सली गतिविधियां शायद ही अपना सिर उठा पाएंगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे सुरक्षा बलों की बड़ी कामयाबी बताया है।

कुख्यात नक्सली हिडमा को कई नामों से जाना जाता था। उसे संतोष उर्फ इंदमुल उर्फ उडियामी भीमा के नाम से भी जाना जाता था। वह गुरिल्ला युद्ध का पारंगत था। उसने फिलीपींस में जाकर इसका प्रशिक्षण लिया था। वह कई बड़ी और जघन्य वारदातों में शामिल था। एक समय सुरक्षा बल भी उसके इलाके में जाने से बचते थे। इस मुठभेड़ में उसकी पत्नी मदगाम राजे उर्फ रजम्मा भी मारी गई है। यह भी संगठन में बहुत सक्रिय थी। वह भी कई गतिविधियों में शामिल रही थी।

इस साल देशभर में हुई कई बड़ी मुठभेड़ों में 10 शीर्ष नक्सली मारे गए, जिनमें से सात छत्तीसगढ़ राज्य में ढेर हुए हैं। छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों की नक्सलियों की करीब 13 बड़ी मुठभेड़ हुईं हैं। इनमें अबतक 520 से नक्सली मारे जा चुके हैं, वहीं बस्तर रेंज में अभी तक कुल 239 नक्सली मारे गए हैं। इनमें सीसीएम, एससीएम, डीकेएसजेडसी कैडर के नक्सली शामिल हैं। इन पर 25 लाख से लेकर डेढ़ करोड़ तक का इनाम घोषित था।

सुरक्षा बलों की शानदार कामयाबी के रूप गिना जाएगा वर्ष 2025ः वर्ष 2025 सुरक्षा बलों की शानदार कामयाबी के रूप गिना जाएगा। सुरक्षा बलों ने अपनी पुख्ता सूचना, सटीक रणनीति और शानदार जवाबी कार्रवाई में न केवल नक्सलियों को गिरफ्तार किया और आत्मसमर्पण कराया बल्कि उनके साथ हुई मुठभेड़ में जबरदस्त सफलताएं भी हासिल कीं हैं। इनमें प्रमुख रूप से आंध्र प्रदेश निवासी और डेढ़ करोड़ का इनामी पोलित ब्यूरो मेंबर, महासचिव बसवा राजू, एक करोड़ रुपये का इनामी जयराम उर्फ चलपति (सीसीएम), निवासी आंध्र प्रदेश, एक करोड़ रुपये का इनामी बालकृष्णा उर्फ रामाराजू, (सीसीएम), एक करोड़ रुपये का इनामी नरसिंहाचलम उर्फ सुधाकर (सीसीएम), 50 लाख रुपये का इनामी दामोदर (एससीएम) निवासी तेलंगाना और 25 लाख रुपये का इनामी भास्कर राव, तेलंगाना स्टेट कमेटी मेंबर शामिल हैं।

इसके अलावा जंगू नवीन सेंट्रल रीजनल ब्यूरो और 25 लाख रुपये का इनामी, सागर स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर और 25 लाख रुपये का इनामी, रेणुका सेंट्रल रीजनल ब्यूरो और प्रेस टीम सदस्य व वकील, 45 लाख रुपये की इनामी (तेलंगाना), नीति उर्फ निर्मला, डीकेएसजेडसी सदस्य और 25 लाख रुपये की इनामी (छत्तीसगढ़), रूपेश डीकेएसजेडसी सदस्य और 25 लाख रुपये का इनामी (महाराष्ट्र), दसरू डीकेएसजेडसी सदस्य और 25 लाख रुपये का इनामी (ओडिशा), रणधीर डीकेएसजेडसी सदस्य और 25 लाख रुपये का इनामी (तेलंगाना), जोगन्ना डीकेएसजेडसी सदस्य और 25 लाख रुपये का इनामी (तेलंगाना) और कुहड़ामी जगदीश उर्फ बुदरा डीकेएसजेडसी सदस्य और 25 लाख रुपये का इनामी सहित कुल माड़वी हिडमा और उसके पत्नी मदगाम राजे उर्फ लकमल सहित कुल 17 कुख्यात नक्सली शामिल हैं।

इन मुठभेड़ों में मारे गए ये कुख्यात नक्सली-

-19 जनवरी 2025 को जयराम उर्फ चलपति छत्तीसगढ़ के (गरियाबंद) में

-21 अप्रैल को विवेक मांझी (झारखंड) में

-21 मई को बसवा राजू उर्फ नंबाला केशवा राव (अबूझमाड़) में

-05 जून को सुधाकर उर्फ थेंटू लक्ष्मी (बीजापुर) में

-18 जून को उदय उर्फ गजराला रवि (आंध्रप्रदेश) में

-11 सितंबर को मनोज उर्फ मोडेम बालकृष्ण (गरियाबंद) में

-14 सितंबर को सहदेव सोरेन (झारखंड) में

-22 सितंबर को गुडसा उसेंडी और कोसा (नारायणपुर, अबूझमाड़) में सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। जबकि 13 सितंबर को माओवादी सुजाता उर्फ कल्पना ने तेलंगाना में आत्मसमर्पण किया था।

बस्तर में संगठन की नींव रखने वाले गुडसा उसेंडी उर्फ के. राजचंद्र रेड्डी (राजू दादा) पेशे से वकील था। यह बाद में माओवादी आंदोलन से जुड़ा और 2019 में रमन्ना के मारे जाने के बाद दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति (डीकेएसजेडसी) का सचिव व प्रवक्ता की कमान सम्हाल रहा था। दूसरा काेसा उर्फ के. सत्यनारायण रेड्डी (कोसा दादा) आईआईटी प्रशिक्षित इंजीनियर था और हथियार निर्माण का मास्टर था। उसने श्रीलंका के लिट्टे से प्रशिक्षण लिया था और डीकेएसजेडसी का सचिवालय प्रमुख था। कोसा दादा कई नामों (गौतम, साधू, गोपन्ना, विनोद, बुचन्ना) से संगठन में जाना जाता था। वह लंबे समय तक केंद्रीय क्षेत्रीय ब्यूरो का सदस्य भी रहा।

अब सुरक्षा बलों के निशाने पर हैं ये माओवादी और पोलित ब्यूरो और सेंट्रल कमेटी सदस्यः

74 वर्षीय गणपति (एम. लक्ष्मण राव) सलाहकार, सेंट्रल कमेटी और 62 वर्षीय देवजी (थिप्परी तिरूपति) बचे हैं। अब इनको ही माओवादियों की कमान देने की बात चल रही है। तेलंगाना स्टेट कमेटी सचिव पुल्लरी प्रसाद राव उर्फ चंद्रन्ना ने ही 64 वर्षीय भूपति (एम. वेणुगोपाल उर्फ अभय), सचिव सीआरबी, प्रवक्ता, भाकपा (माओवादी) के आत्मसमर्पण विरोध किया था। भूपति ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में आत्मसमर्पण किया था।

इसके अलावा 63 वर्षीय मिशिर बेसरा भाष्कर, प्रभारी ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो झारखंड, तेलंगाना स्टेट कमेटी सचिव पुल्लरी प्रसाद राव उर्फ चंद्रन्ना। 63 वर्षीय गणेश उइके उर्फ राजेश तिवारी, सचिव ओडिशा स्टेट कमेटी, अनला दा उर्फ तूफान, सचिव बिहार झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी, सब्यसाची गोस्वामी उर्फ अजय दा, सचिव पश्चिम बंगाल-असम एरिया कमेटी और रामेदर, अब केवल ये बडे कैडर ही बचे हैं। ये सभी माओवादी पोलित ब्यूरो आफ सेंट्रल कमेटी के सदस्य हैं। इस बाबत बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि नक्सल संगठन के कुछ बचे साथियों के सामूल खात्मे के अभियान जारी रहेगा। उन्होंने सुरक्षा बलों की आज की कार्रवाई को बडी कामयाबी बताया और इसके लिए उनको बधाई दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी बहुत बड़ी कामयाबी बताया है। उन्होंने 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद के सामूल खात्मे की तारीख सुनिश्चित की है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रामानुज शर्मा

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