मुख्यमंत्री अब्दुल्ला अस्पताल जाकर नौगाम पुलिस स्टेशन विस्फोट के घायलों से मिले

युगवार्ता    18-Nov-2025
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श्रीनगर, 18 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को नौगाम पुलिस स्टेशन विस्फोट के घायल पीड़ितों से मिलने सिग्नस उजाला अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि सरकार नागरिकों को स्पष्ट जवाब देने की ज़िम्मेदारी लेती है कि पुलिस स्टेशन के अंदर इतना बड़ा विस्फोट कैसे हो सकता है।

अस्पताल के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए उमर ने कहा कि एक दर्जी, एक फोटोग्राफर और कई सरकारी कर्मचारियों की मौतों ने उन परिवारों को तबाह कर दिया है। पुलिस, एफएसएल कर्मचारी, सिविल सेवा कर्मी और कई लोगों ने अपनी कीमती जान गंवाई है। यह कैसे और क्यों हुआ, लोगों को जवाब मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से उन परिस्थितियों पर स्पष्टीकरण देने का आग्रह किया कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक किन परिस्थितियों में रखा गया था।

उमर ने सिग्नस उजाला अस्पताल के कर्मचारियों की प्रशंसा की, जो अधिकारियों से औपचारिक सूचना मिलने से पहले ही घटनास्थल पर पहुंच गए। उन्होंने बिना किसी फ़ोन कॉल का इंतज़ार किए अपनी एम्बुलेंस भेज दी। उन्होंने कहा कि उनकी टीम सबसे पहले पहुंची और घायलों को बचाया। चार मरीज़ अभी भी आईसीयू में हैं और कई अन्य का इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही मुख्यमंत्री राहत कोष से शुरुआती मुआवज़े की घोषणा कर दी है और घरों को हुए नुकसान के लिए आगे की सहायता की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि यह विस्फोट पुलिस स्टेशन में हुआ था, इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि गृह विभाग और विशेष रूप से उपराज्यपाल के पास उपलब्ध धनराशि का उपयोग भी प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री, गृह सचिव और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में आयोजित उत्तरी क्षेत्र के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में चिंता व्यक्त की थी। मैंने उनसे अनुरोध किया कि वे जम्मू-कश्मीर के लोगों खासकर कश्मीरी मुसलमानों पर संदेह न करें। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार लोगों को सज़ा मिलनी चाहिए, लेकिन निर्दाेष लोगों को इसमें नहीं घसीटा जाना चाहिए। उमर ने पहले की एसआरओ योजना का भी ज़िक्र किया, जिसका अब नाम बदल दिया गया है लेकिन संरचना पहले जैसी है, जो ऐसी घटनाओं में मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवज़े के तौर पर सरकारी नौकरी देती है।

उन्होंने कहा कि प्रशासन को मृतक दर्जी के परिवार के लिए तुरंत मामला दर्ज करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जैसे ही मामला हमारे पास पहुँचेगा हम उसे मंज़ूरी दे देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच तथ्यों के आधार पर होनी चाहिए न कि धारणाओं के आधार पर। ज़िम्मेदार लोगों को सज़ा मिलनी चाहिए, लेकिन निर्दाेषों को तकलीफ़ नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने से पहले किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए। उमर ने कहा कि जनता को सच्चाई जानने का अधिकार है, हमें उम्मीद है कि लोगों को उनके हक़ का जवाब मिलेगा।---------------------

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह

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