
अमरावती, 19 नवंबर (हि.स.)। आंध्र प्रदेश इंटेलिजेंस के एडीजी महेश चंद्र लड्ढा ने मारेडुमिली वन क्षेत्र में बुधवार की सुबह हुई मुठभेड़ की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि मृतकों में श्रीकाकुलम का नक्सली जोगाराव उर्फ टेक शंकर भी शामिल है। हालांकि अन्य नक्सलियों के मारे जाने के बारे में पूरी जानकारी अभी नहीं मिली है। मुठभेड़ घने जंगलों में हुई है, ऐस में मृतकों की पहचान में समय लगना स्वाभाविक है। हालांकि मुठभेड़ में छत्तीसगढ़ के बस्तर में सुरक्षा बलों के 131 जवानों की हत्या का आरोपित नक्सली थिप्पिरी तिरुपति उर्फ देवजी के मारे जाने की खबर है, लेेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
एडीजी लड्ढा बुधवार सुबह 11 बजे विजयवाड़ा में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बेहतर होगा कि बाकी नक्सली आत्मसमर्पण कर दें।आत्मसमर्पण करने वे तेलंगाना की पुलिस के समक्ष भी जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि नक्सली छत्तीसगढ़ और तेलंगाना से आंध्र प्रदेश में आने की कोशिश कर रहे हैं। ऐस में कड़ी निगरानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि हमने 17 नवंबर को एक अभियान शुरू किया। 18 नवंबर की सुबह अल्लूरी सीतारामाराजू जिले में एक मुठभेड़ हुई। इसमें केंद्रीय समिति के सदस्य हिडमा माडवी और पांच अन्य नक्सली मारे गए। दूसरी ओर एनटीआर, कृष्णा, एलुरु, काकीनाडा और कोनासीमा जिलों में 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें तीन विशेष क्षेत्रीय समिति के सदस्य, 23 प्लाटून सदस्य, पांच संभागीय समिति के सदस्य और 19 क्षेत्र समिति के सदस्य शामिल हैं। हमने लोगों को कोई नुकसान पहुंचाए बिना ये गिरफ़्तारियां कीं। हमने नक्सलियों से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक भी ज़ब्त किए। मंगलवार को मारेडुमिली मुठभेड़ के बाद कुछ नक्सली भाग गए। उन्हें गिरफ्तार करने के लिए भी टीमें तैनात की गई हैं।
गोलीबारी में हिडमा की मौतः एडीजी से पूछा गया कि हिडमा एक पत्रकार के जरिए आत्मसमर्पण करने ही वाला था, तब उसकी मुठभेड़ हुई। इस संबंध में हिडमा ने पुलिस को चिट्ठी लिखी और सुरक्षा प्रदान करने की मांग भी की थी। इस प्रश्न के उत्तर में महेश चंद्र ने कहा कि पत्रकारों को हिडमा द्वारा पत्र लिखने की जानकारी नहीं है। हिडमा की मौत गोलीबारी में हुई है। इस बात में कोई सच्चाई नहीं है कि वह पकड़े जाने के बाद मारा गया।
हम नक्सल-मुक्त आंध्र प्रदेश के लिए काम कर रहे हैं। हम जांच कर रहे हैं कि नक्सलियों की योजना क्या है और बहुत से शीघ्र ही आत्मसमर्पण कर देंगे।
एडीजी ने कहा कि इसके साथ नक्सली वहां से दूसरे इलाकों में जा रहे हैं। इस प्रक्रिया में उन्हें पकड़ा भी जा रहा है। महेश चंद्र ने यह भी कहा कि आंध्रा- ओडिशा बॉर्डर के निकट रहने वाले लोग, प्रतिनिधि, विधायक और अन्य पार्टी के नेता सावधानी बरतें और पुलिस सुरक्षा के बिना सार्वजनिक रूप से न निकलें।
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हिन्दुस्थान समाचार / नागराज राव