मुंबई, 20 नवंबर (हि.स.)। महाराष्ट्र के डोंबिवली में लोकल ट्रेन में हिंदी बोलने पर मराठी भाषी छात्र की पांच लोगों ने पिटाई की। इस पिटाई से नाराज छात्र अर्नव खैरे ने अपने घर में पंखे से लटकर आत्महत्या कर ली। इस घटना की शिकायत अर्नव खैरे के पिता जीतेंद्र खैरे ने कल्याण स्थित कोलसावाड़ी पुलिस स्टेशन में दर्ज करवायी है। इस घटना की छानबीन कोलसावाड़ी पुलिस स्टेशन की टीम कर रही है।
इस घटना की छानबीन कर रहे पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि कल्याण के तीसगांव नाका इलाके में सहजीवन रेसीडेंसी में रहने वाले छात्र अर्नव खैरे मंगलवार को मुलुंड स्थित केलकर कालेज में लोकल ट्रेन से जा रहा था। अर्नव ने लोकल में आस पास खड़े यात्रियों से हिंदी में कहा कि थोड़ा आगे आओ। इसी बीच उसके आस-पास चार-पांच लोगों के एक ग्रुप ने उससे पूछा, क्या तुम मराठी नहीं बोल सकते? और क्या तुम्हें मराठी बोलने में शर्म आती है? इसके बाद छात्र अर्नव को पिटना शुरु कर दिया।
इस घटना से डरा हुआ अर्नव ठाणे स्टेशन पर उतरा और अगली लोकल से मुलुंड के लिए चला गया। उसने प्रैक्टिकल तो पूरा कर लिया, लेकिन मेंटल स्ट्रेस की वजह से वह कॉलेज बीच में ही छोडक़र दोपहर में घर लौट आया। इसके बाद अर्नव ने अपने पिता को फोन करके सारी बात बताई। जब उसके पिता शाम करीब 7 बजे घर आए, तो घर का दरवाज़ा अंदर से बंद था। जब अर्नव काफी देर तक बाहर नहीं आया तो परिवार को शक हुआ। उन्होंने अर्नव को बार-बार आवाज़ दी, लेकिन वह बाहर नहीं आया। इसलिए पड़ोसियों की मदद से दरवाज़ा खोला गया। अर्नव बेडरूम में पंखे से लटका हुआ मिला। अर्नव को तुरंत रुख्मिनीबाई हॉस्पिटल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने रात 9:05 बजे उसे मृत घोषित कर दिया।
इसके बाद बुधवार को अर्नव के पिता ने इस मामले में कल्याण कोलशेवाड़ी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है, और पुलिस ने पिता की शिकायत के आधार पर शिकायत दर्ज करके जाँच शुरू कर दी है। इस घटना से इलाके में सनसनी फैल गई है। यह घटना लोकल की भीड़ में मराठी-हिंदी विवाद की हद दिखाती है। अर्नव के परिवार ने मांग की है कि पुलिस अर्नव की मौत के लिए जिम्मेदार यात्रियों के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई करे।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव