भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में हो रहे अभ्युदय मध्य प्रदेश के दर्शन

युगवार्ता    21-Nov-2025
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प्रदेश के लोक नृत्यों की रही धूम


मध्य प्रदेश दिवस का शुभारंभ


प्रदेश के लोक नृत्यों की रही धूम


- मध्य प्रदेश की विरासत से विकास की झांकियां बनीं आकर्षण का केंद्र, प्रदेश के लोक नृत्यों की रही धूम

भोपाल, 21 नवम्बर (हि.स.)। देश की राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में अभ्युदय मध्य प्रदेश के दर्शन किए जा सकते हैं। 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' थीम पर 14 से 27 नवंबर तक चलने वाले इस मेले में मध्य प्रदेश की विरासत से विकास की अद्भुत झांकी, एक जिला-एक उत्पाद और परम्परागत कलाकृतियों आगंतुकों को आकर्षित कर रही है। 44वे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में शुक्रवार को मध्य प्रदेश दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध लोक नृत्यों की प्रस्तुति हुई।

मप्र के सूक्ष्म, लघु एवं उद्यम मध्यम उद्योग मंत्री चैतन्य काश्यप ने 44वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में शुक्रवार शाम को मध्य प्रदेश दिवस का शुभारंभ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के सपने को साकार करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश विकसित भारत@2047 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अग्रसर है। राज्य सरकार ने 18 नई नीतियां बनाई है, जो निवेशमित्र है और निवेशकों को आकर्षित करती हैं। मंत्री काश्यप ने मध्य प्रदेश मंडप का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर मंडप का भ्रमण किया। इस अवसर पर मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

मध्य प्रदेश मण्डप

मध्य प्रदेश देश का हृदय प्रदेश है। यहां कि ऐतिहासिक धरोहर, प्रचुर प्राकृतिक संसाधन, धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल, लोक परम्पराओं की समृद्धि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प एक भारत-श्रेष्ठ भारत को न केवल पूरी कर रही है अपितु विश्व पर्यटन मानचित्र पर इसे अग्रणी स्थान दिला रही है। अमेरिका से प्रकाशित एक प्रतिष्ठित पत्रिका ने विगत वर्ष मध्य प्रदेश को दुनिया के टॉप 10 टूरिज्म डेस्टिनेशन में शामिल किया जो गौरव का विषय है। इस सन्दर्भ का उल्लेख प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 25 दिसम्बर को खजुराहो में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेई की जयंती कार्यक्रम में किया गया था।

44वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में मध्य प्रदेश मण्डप ग्वालियर किला के रूप में तैयार किया गया है। मण्डप के केन्द्र में 64 योगिनी मन्दिर मुरैना के दर्शन होते है। मण्डप को मेले की थीम 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' के अनुरूप सजाया गया है। लुटियन्स ने जब भारतीय संसद भवन का डिजाइन तैयार किया था तब उन्होंने भारत वर्ष की प्रसिद्ध इमारतों के डिजाईन बुलवाये थे, जिसमें से उन्होने मुरैना जिले के 64 योगिनी मन्दिर का चयन कर भारतीय संसद भवन का निर्माण कराया था। मण्डप में मध्यप्रदेश की विश्व धरोहार खजुराहों, सांची स्तूप एवं भीमबेटका के साथ प्रस्तावित धरोहर स्थलों, विभिन्न सांस्कृतिक माहोत्सव, हस्तशिल्प, हाथकरघा, जी.आई. ओ.डी.ओ.पी. उत्पादों को भी सजाया गया है।

मंडप में इन उत्पादों को होलोग्राफिक इमेज से भी प्रदर्शित किया जा रहा है। इन उत्पादों की बिक्री भी हो रही है। इसमें राज्य शासन की विभिन्न नीतियों एवं उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया है। मण्डप में औद्योगिक विकास के साथ पर्यटन की भी पूर्ण जानकारी प्रदर्शित की गयी है। मण्डप में सिंहस्थ-2028 की तैयारी को भी दर्शाया गया है। इन्दौर के जी.आई. उत्पाद, चमड़े के खिलौने एवं टेराकोटा के उत्पाद भी प्रदर्शित किये गये है। स्टार्ट-अप भी अपने उत्पादों का प्रचार और विक्रय कर रहे हैं। मध्यप्रदेश मण्डप, निर्मित विरासत, सांस्कृतिक विरासत, जनजातीय विरासत एवं वन्य जीवन को आकर्षक रूप से प्रदर्शित करता है। मण्डप जहां एक ओर प्रदेश की गौरवशाली विरासत को प्रदर्शित कर रहा है वही दूसरी ओर सम्पूर्ण भारत को एक सूत्र में बांधने का संदेश भी दे रहा है। यही कारण है कि मेले में इस बार फिर मध्यप्रदेश मण्डप दर्शकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। यहां अभ्युदय मध्यप्रदेश की झलक स्पष्ट देखी जा सकती है।

मध्य प्रदेश के लोक नृत्य की धूमशुक्रवार को मप्र के मंडप में आयोजित मध्य प्रदेश दिवस पर पूरे व्यापार मेले में प्रदेश के प्रसिद्ध लोक नृत्यों की धूम रही। मटकी लो नृत्य, पनिहारी लोक नृत्य और बघेली लोक गायन जैसे पारंपरिक नृत्यों ने लोगों का मन मोह लिया। मटकी लोक नृत्य में महिलाएं रंग-बिरंगे पारंपरिक वेशभूषा में चेहरे पर घूंघट डाले, ढोल की थाप पर एक खास लय में नृत्य करती हैं। यह नृत्य आड़ा-खड़ा और रजवाड़ी के नाम से भी जाना जाता है। पनिहारी लोक नृत्य महिलाओं के जीवन को चित्रित करता है, जो पानी के घड़े दूर से लाती हैं। इसके गीत भी पानी और बारिश के महत्व के बारे में हैं। श्रीमती शीला बरनाठी बघेली लोक गायन की प्रसिद्ध लोक गायिका बघेली लोक गायन मध्य प्रदेश के रीवा, सतना, शहडोल, सीधी, अनुग्रह और उमरिया जिलों में प्रचलित है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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