आज की नई ​दुनिया को नए यूनाइटेड नेशन की जरूरत: राजनाथ सिंह

युगवार्ता    21-Nov-2025
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कार्यक्रम का शुभारम्भ करते रक्षामंत्री राजनाथ सिंह


- भारत ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान किया लखनऊ, 21 नवम्बर (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कानपुर रोड स्थित सीएमएस के सभागार में देश-विदेश से पधारे मुख्य न्यायाधीशों एवं प्रख्यात हस्तियों के सम्मान में आयोजित ‘सांस्कृतिक संध्या’ का दीप जलाकर उद्घाटन किया। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज की नई ​दुनिया को नए यूनाइटेड नेशन की जरूरत है। हम मानते हैं कि यूनाइटेड नेशन को सुधारने से दुनिया बेहतर बन सकती है। यूएन में प्रतिनिधित्व संतुलित हो, निर्णय निष्पक्ष हों और शक्ति का विभाजन वास्तविक हो, तभी यह संस्था अपने मूल उद्देश्य को फिर से पूरा कर पाएगी।

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ने कभी यूएन को कमजोर करने का प्रयास नहीं किया। भारत ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान किया। विश्व के किसी भी हिस्से में संकट आया, तो भारत अपने तन-मन-धन से सहायता के साथ वहां मौजूद रहा।

उन्होंने कहा कि दुनिया कानून से चलती है, लेकिन न्याय से टिकती है। कानून हमें ढ़ांचा देता है, पर न्याय हमें दिशा देता है। उन्होंने कहा कि जहां सम्मान है, वहीं शांति है। जहां संवाद होता है, वहीं विश्वास जन्म लेता है। जब न्याय और शांति एक साथ खड़े होते हैं, तभी वैश्विक संस्थाएं विश्व-कल्याण की दिशा में प्रभावी और सार्थक रूप से कार्य कर सकती हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में जब भारत को देखेंगे भारत की संस्कृति भारत की नीति एवं भारत का व्यवहार तीनों मिलकर दुनिया को बताते हैं शांति एवं न्याय अलग—अलग शब्द नहीं हैं। एक ही मूल्य के दो पहलू हैं। शांति के बिना न्याय अधूरा है और न्याय के बिना शांति टिक नहीं सकती। भारत ने दुनिया को बार—बार यह साबित किया है भारत केवल विचार प्रस्तुत नहीं करता है बल्कि उस पर अमल करता है।

रक्षामंत्री ने कहा कि हम स्वयं को, केवल अपने सीमित परिवार का सदस्य या राज्य का नागरिक नहीं मानते, बल्कि हम विश्व-परिवार के सदस्य हैं। इसी सोच ने हमें ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ का भाव दिया, कि संसार एक परिवार के समान है। भारत में दायित्व की परंपरा केवल मनुष्यों तक सीमित नहीं रही। हमारे यहाँ तो, मानव के साथ-साथ, अन्य जीवों के सम्मान और सुरक्षा की बात सदियों पहले से है।---------------

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन

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