
सूरत, 22 नवंबर (हि.स.)। अमेरिका के भारतीय व्यापार पर लगाए गए टैरिफ के बाद वैश्विक व्यापार को गति देने के लिए द सूरत चैंबर ऑफ कॉमर्स ने बड़ा कदम उठाया है। सूरत को रफ हीरों के व्यापार का मुख्य केंद्र बनाने के लिए द सूरत चैंबर ऑफ कॉमर्स की बोस्वाना के साथ
महत्वपूर्ण बातचीत हुई है। इन चर्चाओं के सकारात्मक परिणामस्वरूप यह तय हुआ है कि आने वाले समय में बोस्वाना की माइनिंग से निकलने वाले रफ हीरों की नीलामी सीधे सूरत डायमंड बर्स में आयोजित की जाएगी।
दुबई के बजाय अब सूरत में होगी नीलामी
द सूरत चैंबर ऑफ कॉमर्स का एक प्रतिनिधिमंडल हाल ही में बोस्वाना गया था। बोस्वाना के लगभग 70 फीसद रफ हीरे निजी कंपनियों के पास होते हैं, जिनकी नीलामी अब तक अधिकतर दुबई में होती थी। लेकिन अब इन कंपनियों ने सूरत में नीलामी करने पर सहमति जताई है। यह फैसला सूरत के हीरे उद्योग के लिए बड़ा लाभ साबित होगा, क्योंकि अब व्यापारियों को रफ हीरे खरीदने विदेश नहीं जाना पड़ेगा। अब विश्वस्तरीय रफ हीरे उन्हें सूरत में ही मिल सकेंगे।
इस संबंध में द सूरत चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रमुख निखिल मद्रासी ने बताया, “हमारी टीम में 18 लोग बोस्वाना गए थे। वहां के राष्ट्रपति ने हमारी बातों को गंभीरता से सुना और समझा, जिसके बाद यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। बोस्वाना के राष्ट्रपति के जनवरी में सूरत आने की संभावना भी बढ़ गई है।”
कपड़ा, सोलर और कोयला व्यापार के लिए भी नई संभावनाएं
प्रतिनिधिमंडल ने बोस्वाना के साथ सोलर ऊर्जा और कोयला व्यापार पर भी चर्चा की। यदि भारत–बोस्वाना ट्रेड डील होती है, तो सूरत के कपड़ा उद्योग को भी बड़ा फायदा मिल सकता है।
वर्तमान में बोस्वाना पर 22 टैरिफ लागू है। ट्रेड डील होने पर भारत में बना कपड़ा बोस्वाना के रास्ते अन्य देशों में भेजने से यह टैरिफ भारतीय उद्योगों के लिए लाभदायक साबित हो सकता है। इसके अलावा बोस्वाना के बाजार में चीन और बांग्लादेश का जो कपड़ा जाता है, उसकी जगह भारतीय कपड़ा आसानी से ले सकता है। इस पूरी पहल से सूरत केवल हीरा कटिंग और पॉलिशिंग का ही नहीं, बल्कि रफ हीरों की ग्लोबल नीलामी का बड़ा केंद्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / यजुवेंद्र दुबे