
नई दिल्ली, 23 नवंबर (हि.स.)। भारत के वस्त्र मंत्रालय का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल 17 से 21 नवंबर तक जॉर्जिया के दौरे पर सेरिकल्चर अनुसंधान, वस्त्र और परिधान व्यापार, कालीन उद्योग तथा तकनीकी सहयोग को बढ़ाने पर केंद्रित बैठकें और विमर्श हुए। इस दौरे में भारत की नवाचार क्षमता भी प्रमुख आकर्षण रही। “5-इन-1 सिल्क स्टॉल” ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर खास ध्यान खींचा और इसे भारत की समृद्ध रेशम विरासत तथा मजबूत बाजार संभावनाओं का प्रतीक बताया गया।
केंद्रीय रेशम बोर्ड (सीएसबी) के सदस्य-सचिव और इंटरनेशनल सेरिकल्चर कमीशन (आईएससी) के सेक्रेटरी जनरल पी शिवकुमार के नेतृत्व में गया प्रतिनिधिमंडल 11वीं बीएसीएसए इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ‘कल्ट्यूसेरी 2025’ में शामिल हुआ। यहां शिवकुमार ने उद्घाटन संबोधन देते हुए पारंपरिक रेशम ज्ञान में भारत की वैश्विक भूमिका को भी बताया गया। उन्होंने “द क्रॉनिकल्स ऑफ वाइल्ड सिल्क” विषय पर तकनीकी शोधपत्र भी प्रस्तुत किया, जबकि सीएसबी के निदेशक (टेक) डॉ. एस. मंथिरा मूर्ति ने भारत–बुल्गारिया सहयोग से विकसित बाइवोल्टीन रेशमकीट संकर पर पेपर पेश किया।
प्रतिनिधिमंडल ने जॉर्जिया के विश्वविद्यालयों, सेरिकल्चर प्रयोगशालाओं, शोध केंद्रों, वस्त्र एवं परिधान कंपनियों, कालीन व्यापारियों और जॉर्जियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जीसीसीआई) के साथ विस्तृत चर्चा की। इन वार्ताओं में द्विपक्षीय वस्त्र व्यापार को बढ़ावा देने, उद्योग सहयोग को आगे बढ़ाने और सेरिकल्चर में संयुक्त शोध के नए अवसरों पर जोर दिया गया। साथ ही जॉर्जिया सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठकों में नए सहयोग क्षेत्रों की पहचान, बाजार पहुंच में सुधार और वस्त्र, परिधान, कालीन तथा मूल्य-वर्धित रेशमी उत्पादों के व्यापार को विस्तार देने पर सहमति बनी।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर