बेरूत, 23 नवंबर (हि.स.)। इजराइल ने रविवार को लेबनान की ईरान-समर्थित हिज्बुल्लाह संगठन के चीफ ऑफ स्टाफ अली तबताबाई को निशाना बनाते हुए राजधानी बेरूत के दक्षिणी उपनगर में हवाई हमला किया। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने इसकी पुष्टि की है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया कि तबताबाई मारे गए हैं या नहीं।
बेरूत के दक्षिणी उपनगर - जो हिज्बुल्लाह के शीर्ष नेतृत्व का गढ़ माना जाता है - पर कई महीनों बाद यह पहला बड़ा हमला है। एक इजराइली सूत्र व एक लेबनानी सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि हमला सीधे तबताबाई को निशाना बनाकर किया गया था।
एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि इजराइल ने इस हमले की पहले से वाशिंगटन को कोई जानकारी नहीं दी थी। हमले के तुरंत बाद अमेरिकी प्रशासन को इसकी सूचना दी गई। एक अन्य अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, अमेरिका को पिछले कुछ दिनों से पता था कि इजराइल लेबनान में हमलों को और तेज करने की तैयारी में है।
अमेरिका ने 2016 में अली तबताबाई पर प्रतिबंध लगाए थे और उन्हें हिज्बुल्लाह का प्रमुख सैन्य नेता बताते हुए उनके बारे में जानकारी देने पर 50 लाख डॉलर का इनाम घोषित किया था।
हमले से दहला बेरूत
हमला जिस मुख्य सड़क पर हुआ, वहां के लोगों ने बताया कि विस्फोट से पहले लड़ाकू विमानों की आवाज सुनी गई थी। धमाका होते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए, क्योंकि उन्हें लगा कि आगे और भी हमले हो सकते हैं।
स्थानीय मेडिकल स्रोतों के अनुसार, हमले में कम से कम दो लोगों की मौत हुई और 25 से अधिक लोग घायल हुए, जिन्हें नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
हालांकि इजराइली हमले को लेकर हिज्बुल्लाह की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
पिछले दो वर्षों में इजराइली हमलों ने हिज्बुल्लाह के तत्कालीन प्रमुख हसन नसरल्लाह, शीर्ष सैन्य अधिकारियों और करीब 5,000 लड़ाकों को मार गिराया है। नेतन्याहू ने रविवार सुबह कैबिनेट बैठक में कहा कि इजराइल कई मोर्चों पर “आतंकवाद” के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि “हम हिज्बुल्लाह को अपनी क्षमता फिर से बढ़ाने नहीं देंगे।”
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय