सिख गुरुओं की शहादत से मुगल सल्तनत में सुरक्षि​त बचे हमारे देवालय: दत्तात्रेय होसबाले

युगवार्ता    24-Nov-2025
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गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर संबोधन करते सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले


गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर मत्था टेकते सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले


— गुरु तेगबहादुर सिंह के 350वें शहीदी दिवस के कार्यक्रम काे दत्तात्रेय ने किया सम्बाेधित

— देश की आजादी से पूर्व और बाद में भी राष्ट्र धर्म में सिख समुदाय का अहम योगदान

कानपुर, 24 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोलेने कहा कि सिख गुरुओं ने मुगल सल्तनत की उन बातों को कभी स्वीकार नहीं किया जो राष्ट्र व धर्म के खिलाफ थीं। उन्होंने इसके लिए कितने कष्टों का सहन किया। उसको सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। उनके शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता। मैं तो चाहता हूं कि सारे धर्म के लोग व दुनियाभर में जो भी भारतीय लोग हैं, उन्हे गुरु तेगबहादुर के प्रत्येक शहीदी दिवस पर सिर झुकाकर कृतज्ञता व्यक्त करना चाहिये। आज हमारे जो देवालय सुरक्षित हैं, उसके पीछे इन गुरुओं की शहादत है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह होसबोलेसोमवार को कानपुर में गुरु तेगबहादुर सिंह की शहीदी दिवस पर मोतीझील लॉन में आयाेजित कार्यक्रम काे सम्बाेधित कर रहे थे। इसका आयाेजन गुरु तेग बहादुर सिंह के 350वें शहीदी दिवस पर सिख समुदाय की ओर से किया गया था। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह होसबोले ने कहा कि कार्यकर्ताओं एवं सिख बंधुओं ने बहुत प्यार व अपनेपन से जिस तरह हमारा यहां स्वागत व सम्मान किया, उसका आभार व्यक्त करता हूं। गुरुद्वारे पर माथा टेकना और गुरु तेगबहादुर सिंह के 350वीं शहीदी दिवस पर्व पर आना हमारा फर्ज है। मैं तो चाहता हूं कि सारे धर्म के लोग व दुनियाभर के भारतीय लोगाें काे हमेशा गुरु तेगबहादुर के प्रत्येक शहीदी दिवस पर सिर झुकाकर कृतज्ञ करना चाहिए। उनके स्मरण में अपना जीवन चलाना चाहिये। दिल्ली के चांदनी चौक में जो गुरुद्वारा खड़ा है, वह दुनिया को राष्ट्र धर्म दिखा रहा है।

राष्ट्र रक्षा में सिख समुदाय का अहम योगदान

सर कार्यवाह ने कहा कि इन गुरुओं के शिष्यों ने देश की आजादी के पहले क्रांतिकारी के रुप में और देश की आजादी के बाद पुलिस, सेना के रुप में राष्ट्र की रक्षा के लिए बलिदान दिया है। सिख समुदाय ने जिस तरह देश और धर्म के लिए त्याग व बलिदान दिया है, उसके लिए हर भारतीय कृतज्ञ है। इन सिख गुरुओं ने धर्म के लिए जिस तरह त्याग किया उसको हम सोंच नहीं सकते है। हम सभी को गुरुओं के बताए रास्ते पर चलना चाहिए।

शाखाओं और पाठ्यक्रमों में सिख गुरुओं की दी जाएगी जानकारी

सर कार्यवाह ने कहा कि इन गुरुओं ने धर्म की रक्षा के लिए जो कष्ट उठाएं है, ऐसे में हमें कुछ तो त्याग करना चाहिए। इसीलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इन गुरुओं को पाठ्यक्रमों में जोड़ा गया है, ताकि देश का विद्यार्थी इनके बलिदान को समझ सके। हालांकि आरएसएस बहुत पहले से अपने सभी कार्यक्रमों में इन गुरुओं की जानकारी कभी कहानी के रुप में या कभी गीतों या चित्र प्रदर्शनी के रुप में रखता है। गुरुओं की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे इसके लिए प्रदर्शनी लगाने का विचार किया गया है। हम अपने स्वयंसेवकों को यह सब बताते रहते हैं। संघ का हर स्वयंसेवक इन गुरुओं को नमन करता है, कृतज्ञता व्यक्त करता है। देश के संकट के समय सिख समुदाय सदैव हमारे साथ खड़े रहे हैं। गुरुओं के इस शहादत इतिहास को शाखा और पाठक्रमों में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत को दुनिया में सिरमौर बनाना है, भारत के प्रत्येक व्यक्ति को इस धरती के राष्ट्रधर्म के लिए तैयार करना है और हमें विश्वास है कि इसमें सिख धर्म के लोग हमारा साथ देंगे।

इस अवसर पर श्री गुरु सिंह सभा महानगर के पदाधिकारियों ने सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले को सरोपा देकर सम्मानित किया। यहां श्री गुरु सिंह सभा कानपुर महानगर के चेयरमैन सरदार कुलदीप सिंह, प्रधान सिमरनजीत सिंह, गुरविंदर सिंह छाबड़ा (विक्की) आदि रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / अजय सिंह

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