आईएफएफआई गोवा में मध्य प्रदेश की फिल्मों का अनुपम प्रदर्शन

युगवार्ता    24-Nov-2025
Total Views |
आईएफएफआई गोवा में मध्य प्रदेश की फिल्मों का अनुपम प्रदर्शन


आईएफएफआई गोवा में मध्य प्रदेश की फिल्मों का अनुपम प्रदर्शन


'डिस्कवरिंग मध्य प्रदेश थ्रू ए ग्लोबल लेंस' विषय पर एक महत्वपूर्ण फायरसाइड चैट का आयोजन


- एमपी टूरिज्म बोर्ड की द सितारिस्ट और लोकमाता अहिल्याबाई ने जीता अपार स्नेह

भोपाल, 24 नवंबर (हि.स.)। गोवा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) 2025 में, 'अतुलनीय मध्य प्रदेश' ने अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और रचनात्मक दृष्टि से एक अमिट छाप छोड़ी। मप्र पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं एमपी टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश की अद्वितीय सृजनात्मक क्षमता और फिल्म-अनुकूल वातावरण को वैश्विक पटल पर प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। इस प्रतिष्ठित महोत्सव में सोमवार को एमपी टूरिज्म द्वारा बनाई गई दो महत्वपूर्ण फिल्मों- 'द सितारिस्ट' और 'लोकमाता अहिल्याबाई'- का विशेष प्रीमियर हुआ, जिन्होंने न केवल दर्शकों को भाव-विभोर किया, बल्कि समीक्षकों की भी प्रशंसा बटोरी।

ये दोनों फिल्में मध्य प्रदेश की आत्मा को दर्शाती हैं। प्रसिद्ध सितारिस्ट अनुष्का शंकर द्वारा अभिनित 'द सितारिस्ट' दर्शकों को एक सितार वादक की शांत और गहरी कला-साधना की यात्रा पर ले जाती है। इसकी कहानी में राज्य की नैसर्गिक सुंदरता—वन, झीलें, पर्वत और ग्रामीण परिवेश—को अत्यंत मनोरम ढंग से दर्शाया गया है। वहीं, एनिमेटेड फिल्म 'लोकमाता अहिल्याबाई' में राजमाता अहिल्याबाई होलकर के न्याय, करुणा और कुशल नेतृत्व के गुणों को सरल और आकर्षक तरीके से नई पीढ़ी तक पहुँचाने का प्रयास है। यह जीवंत चित्र दिखाता है कि क्यों उनका योगदान आज भी प्रदेश और राष्ट्र के सांस्कृतिक जीवन में एक प्रेरणास्रोत बना हुआ है।

मध्य प्रदेश की रचनात्मक पहल को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिला, जब आईएफएफआई ने 'द सितारिस्ट' के निर्माण के लिए अपर मुख्य सचिव शिव शेखर शुक्ला को सम्मानित किया। इस अवसर पर, स्पैन कम्युनिकेशन्स के नरेश खेत्रपाल और 'लोकमाता अहिल्याबाई होलकर' की निर्देशक डिंपल दुगर को भी उनकी कलात्मक अभिव्यक्ति के लिए सम्मानित किया गया।

अपर मुख्य सचिव शुक्ला ने इस सम्मान पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि ये फिल्में हमारी सांस्कृतिक विरासत की गहराई को संवेदनशील रूप से प्रस्तुत करती हैं, और यह सम्मान हमें और अधिक गुणवत्तापूर्ण सिनेमा को प्रोत्साहित करने के लिए प्रेरित करता है। इन प्रमुख फिल्मों के साथ ही, मध्य प्रदेश में शूट हुई फिल्म विमुक्त, चंबल और पिंच की भी विशेष स्क्रीनिंग आयोजित की गई।

अंतरराष्ट्रीय संवाद और सहयोग से मप्र बना वैश्विक फिल्म निर्माण का केंद्र: शुक्लाअंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में सोमवार को मध्य प्रदेश पर्यटन ने अपनी फिल्म-निर्माण क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर सुदृढ़ करने के लिए गहन अंतर्राष्ट्रीय संवाद और महत्वपूर्ण व्यावसायिक बैठकें (बी2बी) आयोजित कीं। अपर मुख्य सचिव शिव शेखर शुक्ला के नेतृत्व में, प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के फिल्म-फ्रेंडली इको सिस्टम को मजबूती से स्थापित किया।

इस कड़ी में मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने स्पेन फिल्म कमीशन के साथ 'डिस्कवरिंग मध्य प्रदेश थ्रू ए ग्लोबल लेंस' विषय पर एक महत्वपूर्ण फायरसाइड चैट का आयोजन किया। अपर मुख्य सचिव शुक्ला और स्पेन फिल्म कमीशन के प्रेसिडेंट जुआन मैनुअल ने 'इंडिया-स्पेन क्रिएटिव फिल्म कॉरिडोर' पर विचार-विमर्श किया। शुक्ला ने मध्य प्रदेश को पूरा प्रदेश स्वयं एक खुला फिल्म कैनवास बताते हुए यहाँ की विविध लोकेशनों—शांत वादियों, रहस्यमयी जंगलों, प्राचीन विरासतों और जीवंत नगर-दृश्यों—पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्थानीय लोगों के सहज और सहयोगी स्वभाव को भी एक बड़ा कारक बताया, जो हर प्रोजेक्ट को सुखद और सृजनात्मक अनुभव में बदल देता है।

इसके पश्चात, मध्य प्रदेश फिल्म पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करनाविषय पर एक उच्च-स्तरीय राउंडटेबल चर्चा सत्र आयोजित हुआ। इसमें न्यूज़ीलैंड फ़िल्म कमीशन, ब्रिटिश फ़िल्म इंस्टिट्यूट (BFI), नेटफ्लिक्स इंडिया सहित जापान, फिनलैंड और कनाडा के प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उद्योग प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। सभी प्रतिनिधियों ने मध्य प्रदेश की नई फिल्म पॉलिसी 2.0, अंतरराष्ट्रीय फिल्मों के लिए दिए जा रहे प्रोत्साहन, उत्कृष्ट लोकेशन सपोर्ट और आसान शूटिंग प्रक्रिया की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। फिल्मकारों ने एकमत से स्वीकार किया कि मध्य प्रदेश अपनी अद्भुत भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधता के कारण वैश्विक फिल्म निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण और उभरता हुआ केंद्र बन रहा है।

महोत्सव में 'वेव्स' फ़िल्म बाज़ार के भीतर मध्यप्रदेश का पवेलियन रचनात्मक ऊर्जा और उत्साह का केंद्र बना रहा। इस पवेलियन में प्रदेश की फिल्म निर्माण क्षमताओं, विविध लोकेशनों और विश्वस्तरीय सुविधाओं का प्रभावी ढंग से प्रदर्शन किया गया। यह पवेलियन इस बात का साक्षी बना कि मध्य प्रदेश न केवल स्त्री, भूल भुलैया-3 जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों, बल्कि पंचायत, गुल्लक, महारानी जैसी लोकप्रिय वेब सीरीज़ और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित लापता लेडीज़ तथा होमबाउंड जैसी फिल्मों का भी पसंदीदा फिल्मांकन स्थल रहा है। अपनी सांस्कृतिक धरोहर और मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ, मध्यप्रदेश स्थानीय से लेकर वैश्विक स्तर तक फिल्मकारों के लिए एक अपरिहार्य गंतव्य बनता जा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

Tags