सीमा विवाद पूरे द्विपक्षीय संबंधों का आधार नहीं बनने देना चाहिएः चीनी राजदूत

युगवार्ता    25-Nov-2025
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नई दिल्ली, 25 नवंबर (हि.स.)। चीन ने कहा है कि भारत से लगती उसकी सीमा पर स्थिति हाल के वर्षों में ‘सामान्यतः स्थिर’ बनी हुई है और दोनों देश राजनयिक एवं सैन्य माध्यमों से लगातार संवाद कर रहे हैं। हमारा मानना है कि सीमा विवाद को पूरे द्विपक्षीय संबंधों का आधार नहीं बनने देना चाहिए।

भारत में चीनी राजदूत शू फेईहोंग ने मंगलवार को ‘चीन की 15वीं पंचवर्षीय योजना: विकास का नया खाका और भारत–चीन सहयोग के नए अवसर’ विषयक संगोष्ठी को संबोधित किया। चीनी राजदूत ने कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर भी दिया गया।

राजदूत शू ने कहा कि अगस्त में दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच सीमा प्रश्न पर 24वें दौर की वार्ता हुई, जिसमें दस बिंदुओं पर सहमति बनी। उनके अनुसार, सीमा मुद्दा बेहद जटिल है और समाधान में समय लगेगा लेकिन दोनों सभ्यताओं के पास पर्याप्त समझ और क्षमता है कि वे सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखें और एक न्यायसंगत व स्वीकार्य समाधान खोजें।

राजदूत शू ने बताया कि हाल के महीनों में संबंधों में सुधार की रफ्तार में तेजी दिखी गई है। उन्होंने संकेत दिया कि स्टेबल बॉर्डर मैनेजमेंट ही आगे सहयोग का आधार होगा। द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि, कैलाश–मानसरोवर यात्रा का पुनःआरंभ, टूरिस्ट वीज़ा जारी होना और सीधी उड़ानों की बहाली इसके प्रमुख उदाहरण हैं। उन्होंने लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि राजनीतिक दलों, युवाओं, शोध संस्थानों और मीडिया जगत में आदान–प्रदान को पुनः मज़बूत किए जाने की जरूरत है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा

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