कोलकाता, 25 नवंबर (हि.स.)। चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस की ओर से मांगे गए समय के आधार पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र भेजकर सूचित किया है कि आयोग तृणमूल के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करने को तैयार है।
आयोग की ओर से यह पत्र ममता बनर्जी के कालीघाट स्थित आवास पर भेजा गया है, जिसमें बताया गया है कि तृणमूल ने आयोग से मुलाकात का समय मांगा था और उसी अनुरोध पर आयोग ने औपचारिक तौर पर सहमति जताई है।
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा नेता डेरेक ओब्रायन की ओर से आयोग को प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक का अनुरोध भेजा गया था, जिसके जवाब में आयोग ने अपने पत्र में लिखा है कि वह हमेशा सभी राजनीतिक दलों से रचनात्मक संवाद के लिए तैयार रहता है। इसी आधार पर तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधियों से मुलाकात की तारीख तय की गई है।
आयोग ने शुक्रवार, 28 नवंबर सुबह 11 बजे दिल्ली स्थित मुख्यालय में बैठक रखने का प्रस्ताव दिया है और तृणमूल से पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के नाम भेजने को भी कहा है।
दरअसल, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हाल के दिनों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनपिक्षण (एसआईआर) को लेकर लगातार आपत्ति जता रही हैं। उन्होंने पिछले सप्ताह मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को भेजे पत्र में एसआईआर प्रक्रिया को स्थगित करने की मांग की थी। उनका आरोप है कि यह प्रक्रिया बिना योजना के शुरू कर दी गई है, जिसके चलते कई बीएलओ अस्वस्थ हो रहे हैं और तीन बीएलओ की मृत्यु के मामले सामने आए हैं। उन्होंने इन घटनाओं का हवाला देते हुए कहा है कि अत्यधिक कार्यभार की वजह से ऐसी स्थिति पैदा हुई है।
सोमवार को लिखे पत्र में ममता बनर्जी ने आयोग की ओर से लिए गए दो निर्णयों पर और सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि क्या आयोग किसी विशेष राजनीतिक दल को लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रहा है? उनका आरोप है कि राज्य के लिए एक हजार डाटा एंट्री ऑपरेटर और पचास सॉफ्टवेयर डेवलपर नियुक्त करने का प्रस्ताव दिया गया है, जबकि जिला स्तर पर पहले से कर्मचारी मौजूद हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग निजी स्वामित्व वाली इमारतों को मतदान केंद्र बनाने की योजना पर विचार कर रहा है, जिससे कई नए संदेह पैदा हो रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर