अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहद ज़रूरी: शुभांशु शुक्ला

युगवार्ता    25-Nov-2025
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Shukla


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बेंगलुरु, 25 नवंबर (हि.स.)। अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने मंगलवार को जवाहरलाल नेहरू तारामंडल में छात्रों से बातचीत करते हुए कहा कि यदि आप शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखते हैं और अपने जीवन में अनुशासन विकसित करते हैं, तो आप मेरी तरह अंतरिक्ष यात्री बन सकते हैं।

बेंगलुरु के जवाहरलाल नेहरू तारामंडल में कर्नाटक सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में राज्य के विभिन्न जिलों से आए सरकारी और निजी स्कूलों के बच्चों ने शुभांशु शुक्ला से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने छात्रों के कई सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि आप भी मेरी तरह अंतरिक्ष यात्री बन सकते हैं, लेकिन सिर्फ़ अंतरिक्ष यात्री बनने का सपना मत देखिए, क्योंकि हर किसी को यह मौका नहीं मिलता। आप मुझे एक हीरो के रूप में देख सकते हैं, लेकिन मेरे सफ़र में हज़ारों लोगों ने काम किया है। कई इंजीनियर, डॉक्टर वगैरह हैं। आप भी उनकी तरह बन सकते हैं।

उन्होंने कहा कि मेरे अंतरिक्ष मिशन को प्रेरित करने वाले कई लोग हैं। कई लोगों के नाम लेना मुश्किल है। मैंने अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा से बहुत कुछ सीखा है। आपके जीवन में एक लक्ष्य होना चाहिए। उसे हासिल करने की इच्छाशक्ति होनी चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात आपके पास धैर्य होना चाहिए, क्योंकि मैंने 20 दिन के मिशन के लिए 5 साल तक प्रशिक्षण लिया है। शुक्ला ने छात्रों को बताया कि अंतरिक्ष यात्रा उतनी आसान नहीं है, जितना आप सोचते हैं। नए वातावरण में ढलना बहुत मुश्किल होता है। अंतरिक्ष में जाने के बाद मुझे हवा में तैरने की आदत हो गई। वहां कई शोध किए। जब ​​मैं धरती पर वापस आया तो यह बहुत मुश्किल था। वापस आने के बाद मैं एक हफ्ते तक सीधा खड़ा भी नहीं हो सका।

इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री एन.एस. बोसाराजू ने कहा कि अपने कार्य के माध्यम से आपने न केवल भारतीय विज्ञान में योगदान दिया है, बल्कि वैश्विक ज्ञान का भी प्रतिनिधित्व किया है। जब आपने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में कदम रखा, तो आप न केवल राष्ट्रीय ध्वज, बल्कि सभी भारतीयों के सपने भी अपने साथ ले गए, जिससे हमारे देश को गर्व हुआ है।

कार्यक्रम में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख सचिव एन. मंजुला, जवाहरलाल नेहरू तारामंडल के निदेशक डॉ. बी.आर. गुरुप्रसाद आदि उपस्थित थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश महादेवप्पा

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