समुद्री सुरक्षा के लिए सब देशों का अधिक सक्रिय रहना जरूरी: तरुण सोबती

युगवार्ता    03-Nov-2025
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सेमिनार को संबोधित करते नौसेना के डिप्टी चीफ ऑफ नेवल स्टाफ वाइस एडमिरल तरुण सोबती।


- आईएनएस अरावली नेवी बेस में शुरू हुई अंतरराष्ट्रीय सेमिनार

गुरुग्राम, 03 नवंबर (हि.स.)। हिंद महासागर में सुरक्षा को लेकर सोमवार को तीन दिवसीय विशेष सेमिनार मैरीटाइम इन्फॉर्मेशन शेयरिंग की शुरुआत हुई। हिंद महासागर की सुरक्षा की रणनीति बनाने को लेकर सेमिनार में पहुंचे विशेषज्ञों ने अपनी-अपनी राय रखी। पांच नवंबर तक चलने वाली इस सेमिनार में दुनियाभर के मैरीटाइम सिक्योरिटी स्पेशलिस्ट भाग ले रहे हैं।

गुरुग्राम स्थित आईएनएस अरावली नेवी बेस परिसर स्थित इन्फॉर्मेशन फ्यूजन सेंटर इंडियन ओशन रीजन में शुरू हुए इस सेमिनार का डिप्टी चीफ ऑफ नेवल स्टाफ वाइस एडमिरल तरुण सोबती ने शुभारंभ किया। डीजी शिपिंग के अतिरिक्त निदेशक जनरल आईपीएस सुशील मानसिंग खोपड़े मुख्य अतिथि रहे। इस सेमिनार में 29 देशों के 41 मैरीटाइम एक्सपर्ट पहुंचे हैं। उद्घाटन अवसर पर एडमिरल तरुण सोबती ने कहा कि हम सब समुद्री सुरक्षा को गंभीर हैं। यह बहुत ही महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि हमें क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाने, ब्लू इकोनॉमी को बढ़ाने देने व हिंद महासागर में सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण समुद्री क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय भूमिका में रहना होगा। उन्होंने कहा कि हम सबका यहां पर एक मंच पर आकर समुद्री सुरक्षा पर बात करना इस बात को प्रमाणित करता है कि हम आपसी सहयोग से समुद्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के प्रति गंभीर हैं। समुद्री सुरक्षा पर इस सेमिनार के माध्यम से हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ संबंध भी बेहतर और मजबूत बनाने पर चर्चा हो रही है। साथ ही उनसे सूचना साझा करने को भी आसान बनाने पर मंथन हो रहा है।

हिंद महासागर क्षेत्र में हथियारों की तस्करी रोकने, ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। इस सेमिनार में भारत की ओर से अपने नेशनल मैरीटाइम इन्फॉर्मेशन शेयरिंग सेंटर्स की भूमिका को भी दुनिया के साथ साझा किया जाएगा। गुरुग्राम की अरावली में बनें इन्फॉर्मेशन फ्यूजन सेंटर इंडियन ओशन रीजन में 25 देशों के 43 मल्टीनेशनल सेंटर की लाइव फीड उपलब्ध होती है। इस सेंटर ने 28 देशों के साथ 76 से अधिक अंतरराष्ट्रीय संपर्क स्थापित किए हैं। इसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जापान और यूनाइटेड किंगडम समेत 15 देशों के इंटरनेशनल लाइजन ऑफिसर्स नियुक्त हैं, जो 57 समुद्री सुरक्षा संगठनों और 25 साझेदार देशों के साथ लगातार सहयोग कर रहे हैं।

गुरुग्राम स्थित अरावली में स्थापित आईएनएस अरावली की विशेषता यह है कि यहां एआई सिस्टम के माध्यम से हिंद महासागर में होने वाली हर हलचल पर रियल टाइम नजर रखी जाती है। यहां पर लगाए गए उपकरणों से तुरंत ही इस बात को पुख्ता किया जा सकता है कि हिंद महासागर में कौन सा जहाज, पनडुब्बी हमारे मित्र देशों की है या किसी शत्रु की साजिश है। तुरंत ही जानकारी नौसेना के कमांड सेंटर तक पहुंंच जाती है।-------------------

हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर

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