
भागलपुर, 3 नवंबर (हि.स.)। बिहार के दूसरे चरण में 11 नवंबर को भागलपुर जिले के सात विधानसभा में चुनाव होना है, जिसको लेकर 6 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भागलपुर में चुनावी बिगुल फूंकने आ रहे हैं। प्रधानमंत्री के आगमन से न सिर्फ भाजपा कार्यकर्ताओं में जोश है, बल्कि एनडीए के खेमे में भी नई उर्जा का प्रवाह हाे रहा है। इस बार की प्रधानमंत्री की सभा सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भागलपुर सदर सीट पर भाजपा की नाक बचाने और कमल खिलाने की मुहिम मानी जा रही है। पिछले तीन चुनावों से यह सीट भाजपा के हाथ से फिसलती रही है और अब पूरा संगठन इसे प्रतिष्ठा की लड़ाई के रूप में देख रहा है।
भागलपुर जिले की सात विधानसभा सीटों में से भाजपा ने पिछली बार पीरपैंती, कहलगांव और बिहपुर पर कब्ज़ा जमाया था, जबकि भागलपुर सदर सीट पर उसे हार का सामना करना पड़ा था। इस बार सीट शेयरिंग में कहलगांव जेडीयू के खाते में जाने के बाद समीकरण बदल चुके हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी की सभा का केंद्र भागलपुर ही रहेगा ताकि कार्यकर्ताओं में जीत का आत्मविश्वास भरा जा सके। प्रधानमंत्री की सभा भागलपुर हवाई अड्डा मैदान में होगी। वहां मंच निर्माण से लेकर सुरक्षा व्यवस्था तक की रूपरेखा तय कर ली गई है। भाजपा के वरिष्ठ नेता लगातार मैदान का निरीक्षण करते हुए तैयारियों जायजा ले रहे हैं। प्रधानमंत्री की सभा से पहले ही भाजपा ने भागलपुर को मिनी दिल्ली बना दिया है।
देश के विभिन्न राज्यों से आए मंत्री स्थानीय नेताओं के संग तारतम्य बिठाकर चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। रैलियों, नुक्कड़ सभाओं और जनसंपर्क अभियानों के जरिए माहौल को मोदीमय करने की कोशिशें तेज़ हैं। वहीं जेडीयू प्रत्याशी और कार्यकर्ता सभा स्थल को ऐतिहासिक बनाने में दिन रात एक करने में लगे हैं। दूसरे चरण के मतदान में भाजपा ने भागलपुर को अपनी रणनीति का केंद्रीय मोर्चा बना लिया है।
पार्टी का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी की सभा से न सिर्फ स्थानीय उम्मीदवारों को बल मिलेगा, बल्कि आस-पास के जिलों में भी एनडीए की हवा तेज़ होगी। भाजपा नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री की सभा अंग क्षेत्र में जनसमर्थन की लहर को नई दिशा देगी। उधर प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को लेकर उच्च स्तरीय बैठकों का दौर जारी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर