तंजानिया की राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन ने ली शपथ, चुनावी हिंसा के बीच शांति की अपील

युगवार्ता    03-Nov-2025
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डोडोमा, 03 नवंबर (हि.स.)। तंजानिया की राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन ने सोमवार को अपने पहले निर्वाचित कार्यकाल के लिए शपथ ली। पिछले सप्ताह हुए विवादित चुनाव के बाद भड़की हिंसा में कई लोगों की मौत के बीच उन्होंने देश में शांति और एकता बनाए रखने की अपील की।

65 वर्षीय हसन, जो अफ्रीका की केवल दो महिला राष्ट्राध्यक्षों में से एक हैं, ने राजधानी डोडोमा स्थित स्टेट हाउस के सैन्य परेड ग्राउंड में आयोजित समारोह में पद की शपथ ली। समारोह में सोमालिया, बुरुंडी, मोजाम्बिक और जाम्बिया के राष्ट्रपति सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

हसन ने कहा, “जीवन आगे बढ़ना चाहिए। हमारा कर्तव्य है कि हम आज को कल से बेहतर बनाएं। हमें अपनी एकता और सहयोग के मूल्यों की रक्षा जारी रखनी चाहिए।” उन्होंने विरोध प्रदर्शनों को हिंसक और विनाशकारी बताया।

विवादित चुनाव और हिंसा का दौर

चुनाव परिणामों को लेकर विपक्ष ने गंभीर आरोप लगाए हैं। हसन को कुल 98 प्रतिशत मतों के साथ विजेता घोषित किया गया, जबकि उनके दो प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों को चुनाव से पहले ही अयोग्य ठहरा दिया गया था। विपक्षी दल CHADEMA का कहना है कि चुनाव “पूरी तरह से फर्जी” थे। पार्टी को आचार संहिता पर हस्ताक्षर न करने के कारण चुनाव से बाहर कर दिया गया था, जबकि इसके नेता को अप्रैल में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने बताया कि मतदान के दौरान और उसके बाद हुई हिंसा में कम से कम 10 लोगों की मौत हुई है, हालांकि विपक्ष का दावा है कि यह संख्या सैकड़ों में है। सरकार ने इस आंकड़े को “बेहद बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया” बताते हुए सुरक्षा बलों की कार्रवाई को “जरूरी और संतुलित” करार दिया।

दक्षिणी अफ्रीकी क्षेत्रीय संगठन एसएडीसी के चुनाव पर्यवेक्षकों ने कहा कि कई क्षेत्रों में “मतदाता अपनी लोकतांत्रिक इच्छा व्यक्त नहीं कर सके” और कुछ केंद्रों पर “मतपेटी में गड़बड़ी” के संकेत मिले।

इंटरनेट बंद, राजधानी में भारी सुरक्षा

सरकार ने चुनाव के दिन इंटरनेट सेवाएं सीमित कर दी थीं, जो सोमवार तक भी पूरी तरह बहाल नहीं हुईं। तंजानिया की वाणिज्यिक राजधानी दार एस सलाम में सेना और पुलिस का भारी जमावड़ा देखा गया, जबकि सरकारी कर्मचारियों को अब भी घर से काम करने के निर्देश दिए गए हैं।

अफ्रीकी संघ (एयू) ने हसन को चुनावी जीत पर बधाई दी, लेकिन साथ ही उनकी सरकार से “मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता” की रक्षा करने का आग्रह किया।

2021 में अपने पूर्ववर्ती जॉन मोगुफुली की मृत्यु के बाद सत्ता संभालने वाली हसन को शुरुआत में उदार नीतियों के लिए सराहा गया था, लेकिन हाल के वर्षों में विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारियों और कथित अपहरणों के मामलों के कारण उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।

हसन ने पिछले वर्ष इन अपहरणों की जांच का आदेश दिया था, लेकिन अब तक कोई आधिकारिक रिपोर्ट जारी नहीं की गई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय

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