


- जीवन उत्कर्ष महोत्सव में संघ प्रमुख बोले- संतों के प्रवचन चलते रहें, इसके लिए हम डंडा लेकर खड़े हैं
जबलपुर, 3 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि पूरी दुनिया संकट में है और भारत की ओर देख रही है। दुनिया के पास भारत के अलावा और कोई रास्ता नहीं है, क्योंकि भारत ही धर्म संस्कृति से चलता है। उन्होंने कहा कि सनातन भारत की ताकत है और पूरी दुनिया भारत से इस विषय में कुछ न कुछ सीखना चाहती है।
सरसंघचालक डॉ. भागवत सोमवार शाम को मध्य प्रदेश के संस्कारधानी जबलपुर में आयोजित बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर के प्रमुख संत महंत स्वामी महाराज के जीवन उत्कर्ष महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि संतों की वाणी समाज को उचित मार्ग दिखाती है, इसलिए संघ संतों की सेवा में है और संतों के प्रवचन चलते रहें, इसके लिए हम डंडा लेकर खड़े भी हुए हैं। संघ भारत में इसी भूमिका में है। यही हमारी संतों के प्रति सेवा है। संत हमारे भावों को समझते हैं। यदि हमें ज्ञान नहीं है, पुराण मालूम नहीं है, वेद मालूम नहीं है, तो भी संत आपके भाव की वजह से आपके साथ रहकर आपका उद्धार कर सकते हैं।
दरअसल, जबलपुर में बीएपीएस स्वामी नारायण मंदिर के सबसे प्रमुख संत महंत स्वामी महाराज का जीवन उत्कर्ष महोत्सव सोमवार को प्रारंभ हुआ। यह कार्यक्रम 5 दिनों तक चलेगा। बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर के महंत स्वामी महाराज का जन्म जबलपुर में हुआ था। उनकी शुरुआती शिक्षा भी जबलपुर में ही हुई थी।जबलपुर में ही उन्होंने बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था से जुड़ना शुरू किया था। इसलिए यह आयोजन जबलपुर में हो रहा है।
इस आयोजन में अक्षरधाम मंदिर से जुड़े हुए 200 से ज्यादा संत पूरी दुनिया से जबलपुर पहुंचे हैं। पूरी दुनिया के 55 देश में अक्षरधाम स्वामीनारायण संस्था की लगभग 1800 मंदिर हैं और महंत स्वामी महाराज का जबलपुर से नाता होने की वजह से यह आयोजन महत्वपूर्ण हो जाता है। आयोजन में स्वामी भद्रेश दास द्वारा प्रमुख स्वामी महाराज के ऊपर लिखी एक पुस्तक का विमोचन करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत इस आयोजन में शामिल हुए।
कार्यक्रम में सरसंघचालक डॉ. भागवत ने कहा कि प्रमुख स्वामी महाराज के ऊपर लिखी हुई किताब जीवन दर्शन देती है। इसका हमें पालन करना है और खुद को सुधारना है। खुद के साथ अपने साथ के लोगों को सुधारना है। इसके साथ ही देश को भी सुधारना है, क्योंकि पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। भारत के अलावा दुनिया के पास दूसरा कोई रास्ता नहीं है। भारत देश धर्म संस्कृति के लिए प्रायोजित है और धर्म संस्कृति के लिए ही जीता है और धर्म संस्कृति के लिए ही उसको जीना है। इस तरह से हम एक साथ तीन कार्य करेंगे।
जीवन उत्कर्ष महोत्सव का उद्देश्य महंत स्वामी महाराज के उपदेशों, सेवा और आध्यात्मिक संदेशों को जन-जन तक पहुंचाना है। महोत्सव के प्रथम दिन का वातावरण भक्ति, संस्कृति और अध्यात्म से ओतप्रोत रहा। इस आयोजन में ईश्वरचरण स्वामी भी उपस्थित रहे।
सरसंघचालक डॉ. भागवत जबलपुर में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी की वार्षिक बैठक में शामिल होने के लिए गत 25 अक्टूबर को यहां आए थे और मंगलवार, 4 नवंबर को वह जबलपुर से नागपुर प्रस्थान करेंगे। सरसंघाचलक डॉ. भागवत ने बताया कि वह अक्षरधाम स्वामीनारायण संस्था से हमेशा जुड़े रहे हैं। प्रमुख स्वामी महाराज से भी वे लगातार मिलते रहे. इसके साथ ही महंत स्वामी महाराज से भी उनका संपर्क है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर