नई शिक्षा नीति और योजनाओं से दिव्यांगजनों को मिल रहा समान अवसर: डॉ. वीरेंद्र कुमार

युगवार्ता    04-Nov-2025
Total Views |
तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ


नई दिल्ली, 04 नवंबर (हि.स.)।केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति के साथ-साथ विशेष योजनाओं और नीतियों के ज़रिए दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और समावेशी शिक्षा को बढ़ावा दे रही है। दिव्यांगजनों की कला और हुनर को प्रोत्साहन देने के लिए ‘दिव्य कला मेलों’ का आयोजन किया जा रहा है, जहां वे अपने बनाए हुए उत्पाद प्रदर्शित और बेच सकते हैं। डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने यह बातें अमर ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट और रिहैबिलिटेशन इंटरनेशनल, न्यूयॉर्क के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ के मौके पर कही।

मंगलवार को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि सरकार लगातार इस दिशा में काम कर रही है कि दिव्यांगजनों को शिक्षा, कौशल विकास, सुगम वातावरण और रोजगार के बेहतर अवसर मिलें। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को सशक्त बनाना कोई दान नहीं, बल्कि उनका अधिकार है। हमें ऐसी व्यवस्था बनानी होगी, जहां हर व्यक्ति को समान अवसर, सम्मान और आत्मनिर्भर जीवन मिल सके। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से दिव्यांगजन न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रहे हैं, बल्कि अपने परिवारों को भी मज़बूती दे रहे हैं। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन – “सबका साथ, सबका विकास” को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

कार्यक्रम की शुरुआत में अमर ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट कि फाउंडर एंड प्रबंध सचिव डॉ. उमा तुली ने सभी अतिथियों और प्रतिनिधियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि समाज में सच्चा बदलाव तभी आएगा जब लोग सोचने का तरीका बदलेंगे। उन्होंने कहा, “समावेश तब शुरू होता है जब हम क्षमताओं को देखने का नजरिया बदलते हैं। अमर ज्योति ने पिछले 40 सालों से दिखाया है कि विकलांग और सामान्य बच्चे एक साथ पढ़ सकते हैं, खेल सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं। समावेश कोई अलग विचार नहीं, बल्कि जीवन जीने का तरीका है।”

रिहैबिलिटेशन इंटरनेशनल के अध्यक्ष प्रो. क्रिस्टोफ गुटनब्रनर ने कहा कि समावेश को हकीकत बनाने के लिए वैश्विक सहयोग ज़रूरी है। उन्होंने कहा, “अब समय है कि हम बातों से आगे बढ़ें और ठोस कदम उठाएं। नीति, शोध और व्यवहार — इन तीनों को साथ लाकर ही हम ऐसी दुनिया बना सकते हैं जहाँ हर व्यक्ति, चाहे उसकी क्षमता कोई भी हो, आगे बढ़ सके। रिहैबिलिटेशन इंटरनेशनल को गर्व है कि वह इस दिशा में अमर ज्योति के साथ काम कर रहा है।”

उल्लेखनीय है कि पहले दिन के सत्रों में समावेशी शिक्षा, वकालत और नीतिगत ढाँचे, तथा पुनर्वास और सशक्तिकरण में नवाचारों पर विशेष चर्चाएं हुईं। विशेषज्ञों ने अपने अनुभव और शोध साझा किए। अगले दो दिनों में सम्मेलन के दौरान चार मुख्य विषयों — समावेशी शिक्षा, पुनर्वास तक पहुँच, वकालत और नीतियां, तथा विकलांग महिलाओं और युवाओं का सशक्तिकरण — पर विस्तार से चर्चा होगी। इसका उद्देश्य है कि एक ऐसा वैश्विक रोडमैप तैयार किया जाए जो हर व्यक्ति के लिए समान अवसर, सुगम वातावरण और सशक्त जीवन सुनिश्चित करे। सम्मेलन 5 नवंबर 2025 तक चलेगा और समापन सत्र में सभी प्रतिनिधि यह संकल्प लेंगे कि एक ऐसे विश्व का निर्माण हो, जहाँ हर व्यक्ति सम्मान और अवसर के साथ आगे बढ़ सके।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

Tags