


नई दिल्ली, 04 नवंबर (हि.स)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि भारत वैश्विक मंच पर आज एक तीव्र गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने यहां दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (डीएसई) में छात्रों को संबोधित करते हुए यह बात कही। सीतारमण ने हीरक जयंती समापन व्याख्यान देते हुए कहा, हम ऐसे समय में हैं जब भारत कई अलग-अलग मानकों पर खासकर आर्थिक, तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश आज अपनी आर्थिक मजबूती के कारण ही ऊंचा स्थान प्राप्त कर रहा है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि बेशक, भारत और उसकी जनसंख्या, भारत और वैश्विक मानचित्र पर उसका स्थान, रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। लेकिन भारत आज एकजुट होकर अपनी आर्थिक मजबूती के कारण अपने पैरों पर मजबूती से खड़ा है। सीतारमण ने कहा कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि मैं यह नहीं कह रही कि हम अभी विकसित देश बन गए हैं, क्योंकि विकसित भारत 2047 हमारे सामने है। 2014 में दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से पांचवीं, जल्द ही चौथी और शायद जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने तक की हमारी तेज प्रगति ही हमें अलग बनाती है। उन्होंने कहा कि लगभग 2.5 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाला गया है। उन्होंने भारत-केंद्रित अनुसंधान और नीतिगत जुड़ाव को मज़बूत करने और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के अनुकूल मॉडल विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। सीतारमण ने यह भी कहा कि सीमा शुल्क नियमों में सुधार के लिए महत्वपूर्ण प्रयास चल रहे हैं।
सीतारमण ने भरोसा जताया कि सरकार चालू वित्त वर्ष 2025-26 में 4.4 फीसदी राजकोषीय घाटे के निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहेगी। इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह और दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के निदेशक प्रोफेसर राम सिंह भी उपस्थित थे।
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटा देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.4 फीसदी यानी 15.69 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर