
नई दिल्ली, 4 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय इस्पात मंत्रालय ने सोमवार को स्पेशियलिटी स्टील के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तीसरे चरण की शुरुआत की। अब तक इस योजना के तहत करीब 43 हजार 874 करोड़ का निवेश हो चुका है और 13 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है।
इस्पात मंत्रालय के अनुसार, इस योजना में 22 तरह के प्रोडक्ट शामिल हैं, जैसे सुपर अलॉय, सीआरजीओ, अलॉय फोर्जिंग, स्टेनलेस स्टील (लॉन्ग और फ्लैट), टाइटेनियम अलॉय और कोटेड स्टील। इसमें 4 से 15 फीसदी तक का प्रोत्साहन दिया जाएगा, जो वित्त वर्ष 2025–26 से अगले पांच साल तक लागू रहेगा। प्रोत्साहन का भुगतान 2026–27 से शुरू होगा।
सरकार ने कीमत तय करने के लिए आधार वर्ष को बदल कर अब 2024–25 कर दिया है, ताकि मौजूदा मार्केट ट्रेंड और इंडस्ट्री की जरूरतों को ध्यान में रखा जा सके।
इस मौके पर इस्पात और भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी मौजूद रहे। उनके साथ मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और इस्पात सेक्टर से जुड़े कई उद्योगपति और प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
स्पेशियलिटी स्टील के लिए पीएलआई योजना को जुलाई 2021 में मंजूरी मिली थी। इसके तहत सरकार ने कुल 6 हजार 322 करोड़ का प्रावधान रखा है। योजना के जरिये देश में हाई-वैल्यू और एडवांस ग्रेड स्टील बनाने पर जोर दिया जा रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर