उत्तराखंड लंबे संघर्ष और आंदोलनकारियों के बलिदान का परिणाम, मुख्यमंत्री बोले- ”विकसित राष्ट्र” के लक्ष्य की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा देवभूमि

युगवार्ता    04-Nov-2025
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते ।


- राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार 26 गुना और प्रति व्यक्ति आय में 18 गुना वृद्धि

- एक लाख 65 हजार से अधिक महिलाएं “लखपति दीदी” बनी - सत्र की कार्यवाही 5 नवंबर 11 बजे तक के लिए स्थगित

देहरादून, 04 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर आयोजित विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य की स्थापना कोई आकस्मिक घटना नहीं थी बल्कि यह वर्षों के लंबे संघर्ष, असीम त्याग और हजारों आंदोलनकारियों के बलिदान का परिणाम है। देवभूमि उत्तराखंड “विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखंड” के संकल्प के साथ प्रधानमंत्री मोदी के “2047 तक विकसित राष्ट्र” के लक्ष्य की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

मंगलवार शाम मुख्यमंत्री ने सत्र में राज्य की 25 वर्ष की विकास यात्रा, उपलब्धियों और आगामी संकल्पों का विस्तार से उल्लेख किया। विधानसभा के विशेष सत्र की कार्यवाही शाम 20 बजकर 19 मिनट तक चली। अगले दिन पांच नवंबर (बुधवार) 11 बजे तक के लिए सत्र की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी हुतात्माओं, आंदोलनकारियों और पूर्व प्रधानमंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को श्रद्धापूर्वक नमन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में उत्तराखंड आज विभिन्न क्षेत्रों में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार 26 गुना और प्रति व्यक्ति आय में 18 गुना वृद्धि हुई है। नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्य सूचकांक में उत्तराखंड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि किसानों की आय वृद्धि दर में भी राज्य ने राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष स्थान हासिल किया है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से पिछले वर्षों में 30 से अधिक नई नीतियां लागू की गई हैं जिनसे उद्योग, पर्यटन, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 3.56 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश समझौते हुए, जिनमें से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्ताव धरातल पर उतारे जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) कानून लागू कर समानता, न्याय और महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। साथ ही, राज्य में भू-कानून, धर्मांतरण विरोधी कानून,दंगारोधी कानून और नकल विरोधी कानून जैसे कड़े कदम उठाकर पारदर्शी एवं जवाबदेह शासन की मिसाल पेश की गई है।

उन्होंने बताया कि राज्य में 26 हजार से अधिक युवाओं को पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से सरकारी नौकरियों में अवसर दिए गए हैं,जबकि 1 लाख 65 हजार से अधिक महिलाएं “लखपति दीदी” बन चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के सम्मान के लिए आरक्षण, पेंशन और पहचान पत्र जैसी व्यवस्थाओं को सशक्त बनाया गया है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश की सवा करोड़ जनता के सहयोग से उत्तराखंड आने वाले वर्षों में देश का श्रेष्ठ राज्य बनेगा।

मजार से अवैध अतिक्रमण हटाना विधि सम्मत

मुख्यमंत्री ने कहा कि नकली मजार से अवैध अतिक्रमण हटाना विधि सम्मत है। फिर भी विपक्ष इसे तुल दे रहा है। सरकार का किसी को लक्ष्य करना उदेश्य नहीं है। राज्य में नौ हजार एकड़ भूमि अवैध अतिक्रमण से मुक्ति मिली है। उन्होंने कहा कि सरकार किसी को उजाड़ने का नहीं बसाने का काम करेगी। उचित समय पर राज्य हित में सही निर्णय के साथ आगे बढ़ेगे। सरकारी संपती पर कब्जे के खिलाफ आगे भी कड़ा प्रहार जारी रहेगा। देवभूमि के मूल स्वरुप ​बिगाड़ने वाले को सरकार किसी भी ​कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी।

राष्ट्र के लिए दिव्य धारा प्रवाहित की संघ ने : धामीमुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना को 100 वर्ष पूरे हो गए हैं। आरएसएस शताब्दी वर्ष मना रहा है। शताब्दी के 100 वर्ष में तपोमयी यात्रा आत्मगौरव, सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक पुर्नजागरण और राष्ट्र के लिए दिव्य धारा प्रवाहित की है। जिसने देश के लिए कोने-कोने में राष्ट्रीय चेतना के अखंड ज्योति प्रज्जवलित करने का काम किया है। जो भारत कभी गुलामों वाली मानसिकता से ग्रसित था आज भारत आत्मगौरव की ओर बढ़ा। ये संघ की तपस्या का परिणाम है। अंत में मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गीत की प्रेरक पंक्तियों के साथ अपनी बात समाप्त की-“पतवार चलाते जाएंगे, मंज़िल आएगी... आएगी।”

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार

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