
पटना, 4 नवंबर (हि.स.)। बिहार के मोकामा में विपक्षी दलों के समर्थकों को मतदान करने से रोकने का बयान देकर केंद्रीय मंत्री ललन सिंह घिर गए हैं। उनके बयान को लेकर चुनाव आयोग ने जहां उन्हें नोटिस जारी किया है, वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने उनके ऊपर जमकर नशाना साधा है।
चुनाव आयोग की ओर से ललन सिंह को नोटिस भेजे जाने के पीछे का कारण उनके द्वारा दिया गया एक बयान है। चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब उन्हें 24 घंटे के अंदर देना है।
दरअसल, सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह विपक्षी दलों के समर्थकों को मतदान करने से रोकने की बात कर रहे हैं। चुनाव आयोग ने उनके इस बयान को आचार संहिता का उल्लंघन माना और उनको नोटिस जारी किया गया।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने उस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए ललन सिंह पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने का आरोप लगाया गया है। राजद ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह चुनाव आयोग की छाती पर बुलडोज़र चढ़ाते हुए कह रहे कि गरीबों को वोटिंग के दिन घर से निकलने नहीं देना है। घर में बंद कर देना है, अगर ज्यादा हाथ पैर जोड़ेगा, तो अपने साथ ले जा कर वोट गिराने देना है। कहां है मरा हुआ आयोग?।
इस बीच, पटना जिला प्रशासन ने पुष्टि करते हुए ट्विट किया, जिला प्रशासन, पटना की वीडियो निगरानी टीम ने वीडियो फुटेज की जांच की। जांचोपरांत इस मामले में ललन सिंह उर्फ राजीव रंजन सिंह के विरूद्ध भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।---------------
हिन्दुस्थान समाचार / चंदा कुमारी