
नई दिल्ली, 04 नवंबर (हि.स.)। महाराष्ट्र के विपक्षी दलों ने मंगलवार को मतदाता सूची में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर चुनाव आयोग को पत्र सौंपा। विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से मतदाता सूची में सुधार की मांग की। चुनाव आयोग को भेजे गए शिकायती पत्र में एनसीपी-एसपी पार्टी के प्रमुख शरद पवार, शिवसेना-यूबीटी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे समेत कांग्रेस के नेताओं ने हस्ताक्षर किए हैं। मंगलवार को विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल में सांसद अरविंद सावंत, बाला नांदगांवकर और अतुल लोंढे शामिल थे।
पत्र में कहा गया है कि 14 और 15 अक्टूबर को महाराष्ट्र के सभी दलों के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात की। 1 नवंबर को राज्य के सभी प्रमुख राजनीतिक दल एक साथ आए। इस मुद्दे पर देश का ध्यान आकर्षित करने के लिए एक विशाल रैली का आयोजन किया। महाराष्ट्र के कोने-कोने से लाखों लोग इस रैली में शामिल हुए। इस अभूतपूर्व मार्च का नेतृत्व नकली मतदाताओं के खिलाफ असली मतदाताओं ने किया।
ज्ञापन के मुताबिक 2024 में महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनावों के बाद से मतदाता सूचियों में गड़बड़ी को लेकर राजनीतिक दलों और महाराष्ट्र की जनता में गुस्सा बढ़ रहा है। पिछले एक साल से अलग-अलग राजनीतिक दल इस बारे में बात कर रहे हैं, इसलिए हमें उम्मीद थी कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों तक कुछ सुधार होगा, लेकिन मतदाता सूची में गड़बड़ी अभी भी चिंताजनक है। हमारा प्रतिनिधिमंडल राज्य चुनाव आयोग से मिला। लेकिन उनके जवाबों से हमें पता चला कि जब तक आप (मुख्य चुनाव आयुक्त) सख्त निर्देश नहीं देते, तब तक कुछ नहीं होगा।
विपक्षी दलों ने पत्र में कहा कि आयोग को मतदाता सूची सार्वजनिक करना चाहिेए, बताना चाहिए नाम सूची क्यों हटाया गया है। जानकारी वेबसाइट पर सार्वजनिक करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए 30 अक्टूबर 2024 को मतदाता सूचियां घोषित की गईं।
इसके बाद नए मतदाताओं की जांच कर नई सूची जारी की जानी थी,
लेकिन जुलाई 2025 तक भी यह सूची उपलब्ध नहीं कराई गई।
पत्र में विपक्षी दलों के नेताओं ने मांग
कि यह पूरी मतदाता सूची तत्काल उपलब्ध कराई जाए ताकि गड़बड़ियों की पडताल हो सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी