मंडाविया ने दोहा में वैश्विक मंचों पर भारत की सामाजिक न्याय और गरीबी उन्मूलन उपलब्धियों पर प्रकाश डाला

युगवार्ता    06-Nov-2025
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सामाजिक विकास के लिए दूसरे विश्व शिखर सम्मेलन को संबोधित करते डॉ. मनसुख मंडाविया


सामाजिक विकास के लिए दूसरे विश्व शिखर सम्मेलन को संबोधित करते डॉ. मनसुख मंडाविया


दोहा/नई दिल्‍ली, 06 नवंबर (हि.स)। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कतर की राजधानी दोहा में सामाजिक विकास के लिए दूसरे विश्व शिखर सम्मेलन में कई उच्च स्तरीय सत्रों के दौरान सामाजिक न्याय, गरीबी उन्मूलन और सामाजिक सुरक्षा में भारत की उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डाला।

श्रम और रोजगार मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि डॉ. मनसुख मांडविया ने नीति आयोग द्वारा बुधवार को आयोजित कार्यक्रम गरीबी से मुक्ति के मार्ग: अंतिम व्यक्ति को भी सशक्‍त बनाने में भारत के अनुभव का जिक्र किया। डॉ. मांडविया ने करीब 25 करोड़ लोगों को बहुक्षेत्रीय निर्धनता से बाहर निकालने और 64 फीसदी से अधिक आबादी तक सामाजिक सुरक्षा दायरे को विस्तारित करने में भारत की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया।

उन्होंने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि महिलाएं और बच्चे भारत के विकास के केंद्र में बने हुए हैं, जहां 11.8 करोड़ से अधिक स्कूली बच्चों को मध्याह्न भोजन मिल रहा है और लाखों महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर जमीनी स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा दे रही हैं।

डॉ. मांडविया ने कहा कि जन धन, आधार और मोबाइल की त्रिमूर्ति उपयोग द्वारा भारत की डिजिटल क्रांति ने कल्याणकारी योजनाएं प्रदान करने को पूरी तरह बदल दिया है, जिससे पारदर्शिता और समावेशिता सुनिश्चित हुई है। उन्होंने कहा कि कौशल भारत मिशन के तहत 1.4 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। मांडविया ने बताया कि नई प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोज़गार योजना से और 3.5 करोड़ औपचारिक नौकरियां उत्पन्न होंगी।

इसके अलावा डॉ. मांडविया ने श्रम, कौशल और सामाजिक संरक्षण में सहयोग सुदृढ़ करने के लिए रोमानिया, रूस, क़तर, यूरोपीय संघ और आईएलओ के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक की। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री ने अपने संबोधन में सामाजिक न्याय पर वैश्विक संवाद को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन और वैश्विक गठबंधन की सराहना की। उन्होंने स्मरण कराया कि भारत ने फरवरी 2025 में सामाजिक न्याय पर पहली क्षेत्रीय वार्ता आयोजित की थी, जिसमें भारत के सबसे बड़े नियोक्ता संघ और श्रमिक संघों सहित 21 से अधिक संगठनों ने गठबंधन में शामिल होने का संकल्प व्यक्त किया था।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

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